गुजरात में लंबे समय से शराबबंदी लागू है। शराब का उत्पादन, बिक्री और सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद शराब का कारोबार पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। गुजरात पुलिस के डेटा के मुताबिक, साल 2024 में हर चौथे सेकेंड इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) की एक बोतल पकड़ी गई। यानी हर मिनट 15 बोतलें पकड़ी जाती हैं। कई जिलों से लाखों बोतलें पकड़ी गई हैं।
पुलिस की ओर दिए गए डेटा के मुताबिक, एक साल में पूरे राज्य में लगभग 144 करोड़ रुपये की कीमत की 82 लाख बोतलें पूरे राज्य में जब्त की गई हैं। अहमदाबाद सिटी, अहमदाबाद ग्रामीण और वेस्टर्न रेलवे के अहमदाबाद क्षेत्र में ही कुल 4.38 लाख बोतलें बरामद की गईं। सिर्फ अहमदाबाद शहर में ही 2139 केस ऐसे आए जिसमें 3.06 लाख IMFL बोतलें पकड़ी गईं। इसी तरह 7796 केस ऐसे जिसमें 1.58 लाख भारतीय शराब की बोतलें पकड़ी गईं।
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कई जिलों में पकड़ी गईं लाखों बोतलें
इस डेटा के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ एक पहलू भर ही है। बताते चलें कि वडोदरा ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन ने 9.8 करोड़ रुपये की कीमत की IMFL बोतलें पकड़ी गई हैं। इन बोतलों को ट्रक और गोदामों में छिपाया गया था। इसी तरह से सूरत ग्रामीण में 8.9 करोड़ रुपये की IMFL बोतलों को पकड़ा गया है जिन्हें घरेलू सामान की तरह छिपाकर रखा गया था। नवसारी में 6.23 लाख बोतलें पकड़ी गईं तो गोधरा में 8.8 करोड़ रुपये की IMFL शराब पकड़ी गई।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसके बारे में बताया, 'तस्करों के लिए यह छापेमारी एक संदेश की तरह है कि वे चाहे जो भी तरीका अपना लें उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा और कानून का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।' बता दें कि गुजरात में पानी के टैंकर और सब्जियों के ढेर में छिपाकर शराब की तस्करी करने के मामले भी सामने आए हैं।