logo

ट्रेंडिंग:

बिहार में शराबबंदी बेअसर! हर महीने 77,540 लीटर शराब हो रही जब्त

बिहार में शराबबंदी के बावजूद अगस्त 2025 तक हर महीने औसतन 77 हजार लीटर से ज्यादा शराब जब्त हुई, जो पिछले साल से 16% ज्यादा है। पुलिस के आंकड़े दिखाते हैं कि शराबबंदी का खास असर नजर नहीं आ रहा।

Representative Image

प्रतीकात्मक तस्वीर, AI Generated Image

बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद यहां धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। अगस्त 2025 तक हर महीने औसतन 77,000 लीटर से ज्यादा शराब जब्त की गई है। यह संख्या पिछले साल इसी समय की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है। पुलिस के बताए आंकड़ों के अनुसार शराबबंदी का कोई खास अंतर दिखाई नहीं दे रहा। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पिछले साल के शुरुआती आठ महीनों में प्रतिमाह औसतन 67 हजार लीटर शराब जब्त हुई थी।

 

बिहार पुलिस के मद्य निषेध विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार जैन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'इस साल औसतन 77,540 लीटर शराब प्रति माह जब्त की गई है।' उन्होंने दावा किया कि शराब जब्ती में वृद्धि का मुख्य कारण निगरानी बढ़ाना और राज्य में शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन कराना है।

 

यह भी पढ़ें- दिल्ली: बंद कमरे में मां की मौत, पिता गंभीर; बेटे ने नहीं खोला दरवाजा

 

एडीजी ने कहा, '2025 में प्रति माह की जब्ती पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत से अधिक है। इस साल अगस्त तक मद्य निषेध विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से 5,74,526 लीटर भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल), 12,515 लीटर देशी शराब और 33,281 लीटर स्प्रिट जब्त किया है।' अमित कुमार ने बताया कि राज्य में वर्ष 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 2.75 करोड़ लीटर से अधिक शराब जब्त की गई है, जिसमें से 97 प्रतिशत नष्ट कर दी गई है।

 

एडीजी ने कहा, 'राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाई गई है। शराब समेत अन्य सभी मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए 393 अतिरिक्त चौकियां बनाई जाएंगी।'  उन्होंने कहा कि बिहार-नेपाल सीमा से शराब की तस्करी रोकने के लिए इस साल जुलाई तक 188 बैठकें की गई हैं।

 

यह भी पढ़ें- पार्टी के बाद जबरन भरवाया बिल, हॉस्टल लौटकर छात्र ने कर ली आत्महत्या

 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाया था। बिहार में इस साल के अंत तक चुनाव होने वाले हैं। नीतीश कुमार शराबबंदी के दम पर ही कानून व्यवस्था ठीक होने का हवाला देते रहे हैं।  

Related Topic:#bihar news

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap