मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में बनी हुई है। इस बार मामला परीक्षा में पूछे गए सवाल से जुड़ा हुआ है। दरअसल, 2 अप्रैल को MA पॉलिटिकल साइंस की परीक्षा में एक प्रश्नपत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को उग्रवादी संगठनों के साथ जोड़ते हुए सवाल पूछे गए। इससे छात्रों और संघ से जुड़े संगठनों में नाराजगी फैल गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और दोषी प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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प्रोफेसर ने मांगी माफी
जांच के बाद, प्रश्नपत्र तैयार करने वाली मेरठ कॉलेज की प्रोफेसर सीमा पंवार को परीक्षा और मूल्याकन के काम से हमेशा के लिए हटा दिया है। इसका मतलब है कि अब वह भविष्य में न ही कोई पेपर बना सकेंगी और न ही उससे जुड़े किसी काम में हिस्सा ले पाएंगी। प्रोफेसर पंवार ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए लिखित में माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने कोर्स के हिसाब से पेपर तैयार किया था। सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस तेज हो गई है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर यूनिवर्सिटी में ऐसे सवाल क्यों बनाए गए। विवाद को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने मामले की जांच करने का ऐलान कर दिया है।
क्या था सवाल?
एग्जाम में पूछा गया सवाल था- 'RSS जैसे उग्रवादी संगठनों का उदय भारत के लिए कितना खतरनाक है – आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।' प्रश्न में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को 'उग्रवादी संगठन' बताया गया था, जिससे संघ समर्थकों और छात्रों में गंभीर आक्रोश पैदा हो गया।
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खुले में नमाज अदा करने पर छात्र की गिरफ्तारी
मार्च 2025 में, एक वीडियो सामने आया जिसमें विश्वविद्यालय परिसर में कुछ छात्र खुले में नमाजअदा कर रहे थे। इस पर स्थानीय हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद, खालिद प्रधान नाम के एक छात्र को गिरफ्तार किया गया और विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया। साथ ही, तीन सुरक्षा कर्मियों को भी निलंबित किया गया।