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मेरठ में पुलिस ने महिलाओं पर चलाई लाठियां, अब SSP ने किया लाइन हाजिर

उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक परिवार की महिलाओं पर लाठीचार्ज किया। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और समाजवादी पार्टी के धरने के बाद अब आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

Meerut police

महिलाओं को पीटती पुलिस, photo credit: Screen grab

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में महिलाओं को पीटने के मामले में एसएसपी ने रविवार रात बड़ी कार्रवाई की है। आरोप है कि थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों ने एक परिवार की महिलाओं की पिटाई की है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। एसएसपी विपिन टाडा ने इसी मामले में संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी और बाकी आरोपी पुलिस वालों को लाइन हाजिर कर दिया है। 

 

यह घटना मेरठ के लावड़ कस्बे में 7 मई को हुई थी जहां सुनील और उसके भाई सुशील के बीच जमीन को लेकर झगड़ा हो गया था। सुनील ने झगड़े की सूचना पुलिस को दी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सुशील को हिरासत में लिया और थाने ले जाने लगी। इस दौरान परिवार के दूसरे लोगों ने पुलिस का विरोध किया और दारोगा अमित कुमार को मारपीट कर घायल कर दिया। इसकी सूचना इंचौली थाना प्रभारी को दी गई और वह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। 

 

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पुलिस पर किया पथराव


सुशील के घरवालों पर आरोप है कि उन्होंने दारोगा को घायल करने के बाद भी गिरफ्तारी का विरोध जारी रखा और स्थिता को नियंत्रित करने आई अतिरिक्त पुलिस फोर्स पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में पुलिस ने महिलाओं पर भी लाठियां चलाई। पुलिस ने सुशील की पत्नी, सुशील और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। इस घटना के दौरान किसी ने पुलिसकर्मियों के महिलाओं को पीटने का वीडियो मोबाइल से बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो हो गया। वीडियो के वायरल होते ही इस मामले में राजनीति भी गरमा गई और पुलिस की कार्रवाई की निंदा की जाने लगी। 

 

समाजवादी पार्टी ने दिया धरना


इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस घटना का वीडियो शेयर किया और इसकी निंदा की। अखिलेश यादव ने इस वीडियो के साथ लिखा, 'मेरठ में BJP सरकार की पुलिस दलित महिलाओं पर इसलिए हिंसक प्रहार कर सकी क्योंकि उन्हें लगा कि सत्ता में बैठे उनके वे बीजेपी नेता उन्हें बचा लेंगे, जो लाख दिखावटी नाटक करने के बावजूद भी अंदर से दरअसल दलितों और महिलाओं के खिलाफ हैं। अब जबकि यह अत्याचार कैमरे में कैद हो चुका है तो देखते हैं कि उत्तर प्रदेश की सरकार इन पुलिसवालों को बर्खास्त होने से बचाने के लिए क्या चाल चलती है।'

 

अखिलेश यादव के इस मामले में टिप्पणी करने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा। शनिवार को समाजवादी पार्टी के सरधना से विधायक अतुल प्रधान और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार के साथ एसएसपी ऑफिस के बाहर धरना दिया। समाजवादी पार्टी दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है।

 

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मामले के तूल पकड़ने के बाद हुई कार्रवाई


इस मामले में समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और कुछ गैर राजनैतिक संगठनों ने भी न्याय की मांग की। रविवार को राष्ट्रीय जाटव महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पीड़ितों से मिलने उनके घर पहुंचे। कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधि मंडल भी पीड़ितों से उनके घर पर मिलने पहुंचा और उन्होने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से भी पीड़ितों की फोन पर बात कराई। मामले ने तूल पकड़ी और राजनैतिक दबाव के चलते एसएसपी विपिन टाडा ने रविवार रात को ही बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने इस मामले में दोषी थाना प्रभारी नितिन पांडेय, चौकी प्रभारी इंद्रेश विक्रम सिंह, दारोगा सुमित गुप्ता, पवन सैनी और सिपाही वसीम को लाइन हाजिर कर दिया।

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