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मोहन लाल की फिल्म, गुजरात दंगा और BJP की चुप्पी, हंगामा क्यों बरपा है?

ऑर्गनाइजर का कहना है कि ने फिल्म की कहानी न केवल हिंदुओं को बदनाम करती है, बल्कि विशेष रूप से हिंदू समर्थक राजनीतिक विचारधाराओं को भी निशाना बना रही है।

L2 Empuraan

मोहन लाल। Photo Credit (@Mohanlal)

मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म 'एल2 एम्पुरान' को लेकर देश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, यह फिल्म 27 मार्च को रिलीज होने के बाद सिनेमाघरों में दर्शकों का प्यार कमा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने मोहनलाल की फिल्म को हिंदू विरोधी बताते हुए विरोध किया है। इसको लेकर बीजेपी ने फिल्म से दूरी बनाई है। बीजेपी का कहना है कि वह किसी भी फिल्म का विरोध नहीं कर रही है तो वहीं, कांग्रेस ने फिल्म का समर्थन किया है।

 

इस फिल्म में मोहनलाल मुख्य भूमिका में हैं और इसका निर्देशन पृथ्वीराज सुकुमारन ने किया है। दरअसल, आरोप है कि फिल्म में 2002 के गोधरा दंगों की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल करके हिंदू विरोधी राजनीतिक एजेंडा को दिखाया गया है। आरएसएस के मुख पत्र ऑर्गनाइजर में प्रकाशित एक आर्टिकल में कहा है कि फिल्म 2002 के गोधरा दंगों की पृष्ठभूमि का उपयोग करके हिंदू विरोधी राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रही है।

 

'संघ परिवार के एजेंडे को उजागर किया'

 

सोशल मीडिया पर एम्पुरान फिल्म को लेकर वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस ने इसे एक ऐसी फिल्म के रूप में सराहा, जिसने संघ परिवार के एजेंडे को उजागर किया। हिंदुत्व समूह और समर्थक फिल्म की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह हिंदुत्व विचारधारा को बदनाम कर रही है। साथ ही कहा है कि फिल्म राष्ट्र-विरोधी ताकतों को खुश करने की कोशिश कर रही है। 

 

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: तिरपाल बना कफन, डंडा बना स्ट्रेचर, नक्सलियों का बुरा अंजाम

 

हिंदुओं को बदनाम करती है फिल्म- ऑर्गनाइजर

 

ऑर्गनाइजर ने लिखा है कि फिल्म की कहानी न केवल हिंदुओं को बदनाम करती है, बल्कि विशेष रूप से हिंदू समर्थक राजनीतिक विचारधाराओं को भी निशाना बना रही है। पृथ्वीराज सुकुमारन का सरकार विरोधी प्रदर्शनों से जुड़ाव उनको ध्रुवीकरण करने वाला व्यक्ति बनाता है। यह फिल्म हिंदू विरोधी, बीजेपी विरोधी कहानी फैलाने का जरिया है। इसमें जान-बूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। फिल्म में हिंदू समुदाय को बदनाम करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया गया है। 

 

मोहनलाल और उनके प्रशंसकों को धोखा दिया

 

ऑर्गनाइजर ने आगे लेख में लिखा है कि पृथ्वीराज सुकुमारन ने ऐसी फिल्म बनाकर मोहनलाल और उनके प्रशंसकों को धोखा दिया है। साथ ही कहा कि एम्पुरान फिल्म ने खुद को एक हिंदू-विरोधी प्रचार फिल्म के रूप में प्रकट किया है, जो भारत सहित पूरे उपमहाद्वीप में चल रहे नरसंहार के बीच हिंदुओं को खलनायक बताती है। 

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