logo

ट्रेंडिंग:

क्या Cyber Crime में जामताड़ा बनता जा रहा है भोपाल? पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Cyber Crime के मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल में खासा बढ़ोतरी हुई है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Image of Cyber Crime

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Canva Image)

अब जैसे झारखंड का जामताड़ा और हरियाणा का नूंह साइबर अपराध के लिए कुख्यात हो चुके हैं, वैसे ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भी तेजी से साइबर धोखाधड़ी का केंद्र बनता जा रहा है। यहां अब सिर्फ स्थानीय खातों का दुरुपयोग नहीं, बल्कि पूरे देशभर में ठगी के लिए 'म्यूल अकाउंट' और पहले से सक्रिय सिम कार्ड की अवैध बिक्री का बड़ा नेटवर्क उभरकर सामने आया है।

कैसे हो रहा था साइबर अपराध?

भोपाल में अब तक यह देखा गया कि यहां के निवासियों के बैंक खातों का इस्तेमाल देशभर के साइबर अपराधी पैसे की ठगी में कर रहे थे। हालांकि, अब पुलिस ने कई ऐसे संगठित गिरोहों का पर्दाफाश किया है, जो खुद भोपाल में बैठकर साइबर ठगों को बैंक खाते और सिम कार्ड मुहैया करा रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया बना Cyber Crime का अड्डा? MHA के आंकड़े कर देंगे हैरान!

समान्वय पोर्टल बना पुलिस का हथियार

भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने इन अपराधों पर रोक लगाने के लिए 'समन्वय पोर्टल' (NCCRP JMIS) का इस्तेमाल शुरू किया है। इस पोर्टल पर देशभर से आई शिकायतों के आधार पर कम से कम 550 बैंक खातों की पहचान की गई, जो भोपाल में खोले गए थे और जिनके जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपए की अवैध लेन-देन की गई। इन खातों पर रोक लगा दी गई है और पुलिस आगे की जांच में जुटी है।

ठगी का केंद्र बना कॉल सेंटर

हाल ही में पुलिस ने ऐशबाग के पास प्रभात चौराहा इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा। वहां मिले बैंक खातों और सिम कार्ड्स का इस्तेमाल महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी में किया जा रहा था। कॉल सेंटर का संचालन एक व्यक्ति अपने टीकमगढ़ निवासी रिश्तेदार के साथ कर रहा था। टीकमगढ़ पहले से ही साइबर क्राइम का बड़ा केंद्र माना जा रहा है।

म्यूल अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई

भोपाल क्राइम ब्रांच के डीसीपी अखिल पटेल के अनुसार, यह कार्रवाई पुलिस की सुनियोजित पहल है, जिसमें उन बैंक खातों की पहचान की जा रही है जो साइबर ठगों को बेचे जाते हैं। इस मुहिम के तहत पुलिस अब खुद शिकायतकर्ता बन रही है और उन खाताधारकों पर एफआईआर दर्ज कर रही है, जिनके खाते ठगी में प्रयोग हो रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें: एक गलती और हैक हो जाएगा WhatsApp! जानिए बचाव के आसान तरीके

बैंकों की भूमिका पर भी जांच

पुलिस यह भी देख रही है कि क्या बैंकों ने इन खातों को खोलते समय सही तरीके से KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया अपनाई थी या नहीं। कुछ मामलों में पाया गया कि बिना फिजिकल वेरिफिकेशन के चालू खाते खोल दिए गए। ऐसे में बैंकों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है, खासकर उन शाखाओं की जहां से बड़ी संख्या में म्यूल अकाउंट्स खोले गए हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap