देश में आवारा कुत्तों को लेकर बहस और विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कभी डॉग अटैक की घटनाएं, तो कभी पालतू कुत्तों को लेकर नियमों पर विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद नगर निगम ने एक नया और अलग कदम उठाया है। निगम ने कुत्तों की देखभाल के लिए मोबाइल डॉग सैलून गाड़ी शुरू की है। इस गाड़ी में कुत्तों की नहलाई, फर की कटिंग, ग्रूमिंग और साफ-सफाई की आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
यह गाड़ी बिल्कुल मिनी सैलून की तरह है। अधिकारियों के मुताबिक, इसमें कुत्तों की ग्रूमिंग के साथ-साथ कान-साफ करने, नेल कटिंग और अन्य हाइजीन से जुड़ी सुविधाएं मौजूद हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि शहर में बढ़ते पालतू कुत्तों की संख्या और उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। उनका तर्क है कि अक्सर लोग अपने पालतू कुत्तों को साफ-सुथरा रखने में सक्षम नहीं होते, जिससे संक्रमण का खतरा होता है।
यह भी पढ़ेंः क्या पीएम की मां पर दिया गया बयान बिहार में राहुल पर भारी पड़ जाएगा?
नगर आयुक्त ने दी जानकारी
मुरादाबाद नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने कहा, 'पालतू कुत्तों के लिए डॉग वैन की व्यवस्था पिछले 3-4 महीनों से की जा रही थी। इसके लिए टेंडर भी निकाला गया था। हमें केंद्र सरकार से एबीसी सेंटर (एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर) बनाने के लिए फंड मिला था और सेंटर भी तैयार हो चुका है। हम इस पूरे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और अब वैन तैयार है। इसमें वे सारी सुविधाएं मौजूद हैं जो किसी डॉग केयर सैलून में मिलती हैं। इसकी मांग भी काफी समय से की जा रही थी।'
इस निर्णय से शहर के लोग हुए नाराज
इस पहल के साथ ही सवाल भी खड़े हो गए हैं। शहर के कई इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। आए दिन डॉग बाइट और डॉग अटैक के मामले सामने आते हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जब आवारा कुत्तों को काबू करने की चुनौती सबसे बड़ी है, तो नगर निगम ने पालतू कुत्तों की सैलून सुविधा पर पैसा और संसाधन क्यों खर्च किए?
यह भी पढ़ें: कर्नाटक: हादसे में घायल हुए तो पहले इलाज होगा, फिर मांगे जाएंगे पैसे
वहीं, दूसरी ओर, पालतू कुत्तों के मालिकों का कहना है कि यह सेवा उनके लिए बड़ी राहत साबित होगी क्योंकि उन्हें अब अपने पालतू कुत्तों की साफ-सफाई और ग्रूमिंग के लिए निजी महंगे सैलून पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।