इस साल के अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार में घमासान मचा हुआ है। अब राज्य की एक प्रमुख मुस्लिम संस्था ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बॉयकॉट कर दिया है।
संगठन मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं होगा क्योंकि नीतीश वक्फ विधेयक का समर्थन करते हैं। इस संगठन ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए एक पत्र शेयर किया है।
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इमारक शरिया ने शेयर किया पत्र
इमारत शरिया ने अपने पत्र में कहा, '23 मार्च को सरकारी इफ्तार में शामिल न होने का निर्णय लिया गया है... यह निर्णय वक्फ विधेयक के प्रति आपके (नीतीश कुमार) समर्थन को देखते हुए लिया गया है, जिससे मुसलमानों के आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के बढ़ने का खतरा है।'
इन 7 संगठनों ने ठुकराया नीतीश का न्योता
सात मुस्लिम संगठनों ने सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया है। उन सात मुस्लिम संगठनों में इमारत शरिया, जमात इस्लामी, जमात अहले हदीस,खान्काह मोजीबिया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमियत उलेमा ए हिंद और खान्काह रहमानी शामिल हैं।
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संगठन ने लगाया नीतीश कुमार पर आरोप
संगठन ने नीतीश कुमार पर धर्मनिरपेक्ष शासन के अपने वादे को तोड़ने का आरोप लगाया है। इसके अलावा आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के साथ उनका गठबंधन और वक्फ विधेयक का समर्थन उनकी प्रतिबद्धताओं के विपरीत है।
संगठन ने कहा, 'आप धर्मनिरपेक्ष (धर्म-विरोधी) शासन का वादा करके सत्ता में आए थे जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी लेकिन भाजपा के साथ आपका गठबंधन और एक ऐसे कानून का समर्थन जो असंवैधानिक और अतार्किक है, आपकी घोषित प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है।'
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नीतीश कुमार की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी को 'प्रतीकात्मक' बताते हुए इमारत शरिया ने कहा, 'मुसलमानों की चिंताओं के प्रति आपकी सरकार की उदासीनता ऐसी औपचारिक सभाओं को निरर्थक बना देती है।'
संगठन के इफ्तार पार्टी में शामिल न होने पर नीतीश कुमार यया उनकी पार्टी जेडी(यू) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि पार्टी केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा के साथ गठबंधन में बिहार पर शासन करती है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।