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मुजफ्फरपुर: नाबालिग रेप पीड़िता एंबुलेंस में पड़ी रही और जान चली गई

बिहार में रेप पीड़ित बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। परिवारवालों का आरोप है कि बच्ची को 3 घंटे तक एंबुलेंस में ही इंतजार करना पड़ा और 25 हजार देने के बावजूद भी इलाज नहीं हो सका।

representational image । Photo Credit: AI Generated

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (PMCH) में रविवार, 1 जून 2025 को एक 10 साल की बलात्कार पीड़िता बच्ची की मौत का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार ‘वेंटिलेटर पर चल रही है’। इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसे लेकर कांग्रेस और पीड़ित बच्ची के परिवार ने सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, 26 मई को 10 साल की इस बच्ची का इलाज पहले मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में शुरू हुआ था। बच्ची को गले में और अंदरूनी चोटें आई थीं, जो बहुत गंभीर थीं। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (PMCH) रेफर किया गया।

 

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'बलात्कार के बाद हत्या'

बच्ची के चाचा वीरेंद्र पासवान ने बताया कि एक शख्स ने बच्ची को उसकी मौसी के घर के पास चॉकलेट का लालच देकर एक मक्के के खेत में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद आरोपी ने बच्ची का गला घोंटा और उसका गला रेतने की कोशिश की। वीरेंद्र ने कहा, ‘हमने तुरंत 112 पर कॉल किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।’

 

लेकिन वीरेंद्र ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बच्ची को PMCH में भर्ती करने से पहले दो घंटे तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा। ‘डॉक्टरों ने हमें पटना रेफर किया, लेकिन वहां का अस्पताल भी अच्छा नहीं था। हम कल आए, और तीन घंटे तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा। जब लोगों ने हंगामा किया, तब सुबह चार बजे उसे भर्ती किया गया। कोई सुविधा नहीं थी। बच्ची रात में बेचैन थी और रो रही थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने नाराज होकर उसे नींद की दवा दी, और सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई।’

 

वीरेंद्र ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल होने के बावजूद उन्हें 25,000 रुपये खर्च करने पड़े। उन्होंने कहा, ‘PMCH में बहुत गड़बड़ी है। यह अस्पताल ऐसा है कि जो भी यहां आता है, वह लाश बनकर ही जाता है। डॉक्टर भी लापरवाह हैं। खून के लिए पैसे मांगे गए। अगर खून दो, तभी खून मिलेगा, वरना नहीं।’

 

अस्पताल प्रशासन का जवाब

डॉ. अभिजीत सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ऐसी घटनाएं होने पर परिवार वाले हमेशा लापरवाही के आरोप लगाते हैं। हमने मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत इलाज शुरू किया। बच्ची की एम्बुलेंस में ही जांच की गई और उसे भर्ती किया गया।’ उन्होंने दावा किया कि अस्पताल की ओर से पूरी कोशिश की गई।


PMCH के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह ने बताया, ‘जब बच्ची यहां पहुंची, तो डॉक्टरों ने तुरंत एम्बुलेंस में उसकी जांच की। उसे तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया और रात भर सभी विभागों के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया।’ हालांकि, बच्ची की हालत गंभीर थी और रविवार सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई।

 

पुलिस ने क्या कहा

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुशील कुमार ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा, 'यह घटना 27 मई को हुई थी। आरोपी पड़ोस के गांव में रहता था और पीड़िता के परिवार को जानता था। वह अक्सर वहां आया-जाया करता था। वह मछली बेचने का काम करता था। वह लड़की को लालच देकर अपने साथ ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम घटनास्थल पर गई थी और वहां की जांच की गई। सभी नमूने इकट्ठा कर लिए गए हैं, जिसमें कपड़ों से भी नमूने लिए गए हैं। इन्हें जांच के लिए FSL को भेजा गया है। इसके अलावा, हम 15 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करेंगे। इस मामले को तेजी से सुनवाई के तहत लाया जाएगा, ताकि आगे की जरूरी कार्रवाई की जा सके।'

 

 

कांग्रेस ने जाहिर किया गुस्सा

इस घटना को लेकर कांग्रेस ने विरोध जाहिर किया है। पार्टी नेता आदित्य पासवान ने नीतीश कुमार की एनडीए सरकार पर गंभीर सवाल उठाए और PMCH के अधीक्षक को तत्काल निलंबित करने की मांग की। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की। आदित्य पासवान ने कहा, ‘बिहार सरकार वेंटिलेटर पर चल रही है। यह दिखावा है कि विश्वस्तरीय अस्पताल बनाए जा रहे हैं। अगर ऐसा होता, तो एक दलित बच्ची के साथ ऐसा नहीं होता। दलित हो या गरीब, सभी लोग बराबर हैं। अगर किसी को भर्ती करने में एक घंटे की जद्दोजहद करनी पड़े, तो यह शर्मनाक है।’

 

उन्होंने यह भी कहा कि बच्ची को ढाई घंटे से ज्यादा एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा, जो एक दलित और गरीब की जिंदगी को महत्त्व दिए जाने को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी सरकार के साथ रहने का कोई मतलब नहीं है, जहां दलित और गरीब की जिंदगी की कोई कीमत न हो।’

 

बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘जब हमने अधीक्षक से बात की, तो उन्होंने कहा कि पटना रेफर करना जरूरी है। हमने AIIMS रेफर करने की मांग की, जहां बेहतर सुविधाएं हैं, लेकिन उन्होंने PMCH रेफर किया। PMCH पहुंचने के बाद बच्ची ढाई घंटे तक एम्बुलेंस में पड़ी रही। अगर समय पर भर्ती हो जाती, तो शायद बच्ची की जान बच जाती।’

 

राहुल गांधी ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया और इसे बेहद शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, ‘बच्ची के साथ हुई क्रूरता और उसके इलाज में हुई लापरवाही अत्यंत शर्मनाक है। अगर समय पर उसका इलाज किया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी। लेकिन डबल इंजन सरकार न तो उसकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकी और न ही उसकी जान बचाने में सावधानी बरती।’ राहुल गांधी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

 

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NCW ने लिया संज्ञान

वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहटकर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। उन्होंने बच्ची को चार घंटे से ज्यादा समय तक एम्बुलेंस में बिना मेडिकल सहायता के इंतजार कराने को लेकर अस्पताल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाए। दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है और तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।

 

 

RJD ने भी साधा निशाना

इसके अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी इस मामले में नीतीश कुमार सरकार की कड़ी आलोचना की है। आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुजफ्फरपुर की बलात्कार पीड़िता बेटी हार गई। 'कुर्सी' कुमार की क्रूर और उदासीन व्यवस्था जीत गई। यह व्यवस्था, जो अमीर और गरीब में भेद करती है, जीत गई, और इंसानियत हार गई।’ 

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