संजय सिंह, पटना: साल 2028 में होने वाला पहला 'नेशनल यूथ गेम्स' बिहार में आयोजित किए जाने के संदर्भ में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी.ऊषा ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि फरवरी में बिहार में होने वाले पहले स्टेट गेम्स की तैयारियों,अब तक की प्रगति की जानकारी देने और इसके लिए भारतीय ओलंपिक संघ के सहयोग के सिलसिले में बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह की भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्षा पी.टी.ऊषा से दिल्ली स्थित संघ के कार्यालय में मुलाकात हुई।
श्रेयसी सिंह ने बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए भारतीय ओलंपिक संघ से पूरे सहयोग की आग्रहपूर्ण उम्मीद जताई। पी.टी.ऊषा ने बिहार स्टेट गेम्स में पूर्ण सहयोग के प्रति आश्वस्त करते हुए यह बड़ी घोषणा भी कर दी कि 2028 में पहले नेशनल यूथ गेम्स के आयोजन की मेजबानी बिहार को देने पर भारतीय ओलंपिक संघ की सैद्धांतिक सहमति हो गई है। बाकी आने वाले समय में इसकी औपचारिकताओं,मानकों, जरूरतों और तैयारियों पर विस्तार से चर्चा होगी।
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हाई परफॉर्मेंस सेंटर का दौरा
श्रेयसी सिंह ने इसे बिहार के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण उपलब्धि और बिहार के खेल जगत के लिए बहुत बड़ा तोहफा बताया। इस प्रतियोगिता के आयोजन से न सिर्फ बिहार के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा और उनकी क्षमता में इजाफा होगा बल्कि राज्य की आधारभूत खेल संरचना के विकास में भी काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
श्रेयसी सिंह ने मधुबनी पेंटिंग्स से सुसज्जित साड़ी और प्रतीक चिन्ह देकर पी.टी.ऊषा का अभिनंदन किया। इस मुलाकात के दौरान बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण, उप निदेशक हिमांशु सिंह तथा बिहार के दो खेल सलाहकार भी उपस्थित रहे।
पी.टी.ऊषा से मुलाकात के पूर्व श्रेयसी सिंह ने बिहार खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ,उप निदेशक हिमांशु सिंह के साथ दिल्ली स्थित भारोत्तोलन के हाई परफॉर्मेंस सेंटर का भी दौरा किया।
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बिहार में सेंटर खोलने पर जोर
बिहार में भी इस स्तर के सेंटर विकसित करने के उद्देश्य से यहां के सेंटर की गुणवत्ता और प्रशिक्षण के स्तर और सुविधाओं का बारीकी से मुआयना किया। यहां प्रशिक्षण ले रहे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडियों और उनके प्रशिक्षकों तथा व्यवस्था के अधिकारियों से भी विस्तार से विमर्श कर स्थिति को समझा कि बिहार में कैसे इस स्तर के सेंटर खोले जा सकते हैं।