बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने नए कार्यकाल में एक बार फिर '7 निश्चय' ले आए हैं। इससे पहले पिछले दो कार्यकालों में उनकी सरकार ने '7 निश्चय' करके 7 बड़े वादों पर काम किया। अब इस कार्यकाल में रोजगार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेती जैसे 7 बड़े मुद्दों से जुड़े 7 बड़े वादों को '7 निश्चय पार्ट 3' कहा गया है। इसमें अगले पांच साल में बिहार में 1 करोड़ नौकरी और रोजगार के अवसर पैदा करना, 50 लाख करोड़ का प्राइवेट निवेश लाना, बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने के साथ-साथ नई मिलें लगाना, बिहार में एजुकेशन सिटी बनाना और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य को आगे ले जाना जैसे वादे प्रमुख हैं।
यह जानना जरूरी है कि नीतीश कुमार ने सबसे पहले सात निश्चय योजना की शुरुआत साल 2015 में की थी। तब आर्थिक हल, महिलाओं को अधिकार, हर घर बिजली, हर घर जल, घर तक पक्की गली औऱ नाली, शौचालय निर्माण और अवसर बढ़े, आगे पढ़ें जैसे वादों पर काम किया गया। 2020 से 2025 के बीच, हर खेत को सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव, स्वच्छ शहर, सुलभ संपर्क, सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा, युवा शक्ति बिहार की प्रगति और सशक्त महिला, सक्षम महिला जैसे वादों पर काम किया गया।
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क्या बोले सीएम नीतीश कुमार?
इसके बारे में सीएम नीतीश कुमार ने अपने X अकाउंट पर लिखा है, '4 नवम्बर 2005 को जब से हम लोगों की सरकार बनी, तब से राज्य में कानून का राज है और लगातार 20 वर्षों से सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया गया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में सुशासन के कार्यक्रमों के अन्तर्गत सात निश्चय (2015-2020) और सात निश्चय-2 (2020-2025) में न्याय के साथ विकास से जुड़े निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के बाद बिहार को सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने हेतु अब सात निश्चय-3 कार्यक्रमों को लागू करने का निर्णय लिया गया है।'
क्या हैं 7 निश्चय?
1. दोगुना रोजगार-दोगुनी आय
2. समृद्ध उद्योग-सशक्त बिहार
3. कृषि में प्रगति-प्रदेश की समृद्धि
4. उन्नत शिक्षा-उज्ज्वल भविष्य
5. सुलभ स्वास्थ्य-सुरक्षित जीवन
6.मजबूत आधार-आधुनिक विस्तार
7. सबका सम्मान-जीवन आसान
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क्या है नीतीश सरकार का प्लान?
- अगले पांच साल में 1 करोड़ युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- अगले पांच साल में बिहार में कम से कम 50 लाख करोड़ का निजी निवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बंद पड़ी 9 चीनी मिलों को चरणबद्ध रूप से चालू किया जाएगा और 25 नई चीनी मिलों की स्थापना भी की जाएगी।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि रोडमैप के काम में तेजी लाई जाएगी। मखाना के उत्पादन और प्रोसिसंग को बढ़ावा दिया जाएघा। सभी गांवों में दुग्ध उत्पादन समितियों का गठन और हर पंचायत में 'सुधा' बिक्री केंद्र की स्थापना की जाएगी। साथ ही हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के काम को और आगे बढ़ाया जाएगा।
- अब राज्य के पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा और राज्य में नई एजुकेशन सिटी का निर्माण भी किया जाएगा।
- प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को विशिष्ट चिकित्सा केंद्र (Speciality Hospital) के रूप में और जिला अस्पतालों को अति विशिष्ट चिकित्सा केंद्र (Super Speciality Hospital) के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों को अलग से प्रोत्साहन की व्यवस्था एवं सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने की नीति लाई जाएगी।
- शहरी गरीबों के लिए सस्ते आवास की व्यवस्था की जाएगी। शहरों में सुलभ संपर्कता के लिए 5 नई एक्सप्रेस-वे सड़कों का निर्माण और ग्रामीण सड़कों का चरणबद्ध तरीके से 2 लेन चौड़ीकरण कराया जाएगा।
- राज्य में आधुनिक तकनीक, नवाचार और संवेदनशील सुशासन के माध्यम से राज्य के सभी नागरिकों के जीवन को आसान बनाने हेतु कार्य किया जाएगा।
सभी निश्चयों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सीएम नीतीश कुमार ने लिखा है, 'मुझे पूरा भरोसा है कि सात निश्चय-3 के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से विकसित बिहार के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी तथा बिहार सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।'