ओडिशा सरकार ने स्कूल भवनों का रंग हरे से बदलकर नारंगी करने का फैसला किया है। ओडिशा स्कूल शिक्षा कार्यक्रम प्राधिकरण (OSEPA) ने मंगलवार को जिला कलेक्टरों को स्कूलों के लिए नया कलर कोड जारी किया है। पत्र जारी कर निर्देश दिए गए है कि स्कूल के निर्माण, मरम्मत और रेनोवेशन कार्य के लिए पीएम श्री स्कूलों सहित सभी सरकारी स्कूलों में मान्य कलर कोड अपनाया जाए।
हरा नहीं ऑरेंज होगा कलर कोड
बता दें कि बीजू जनता दल के शासनकाल में राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों को हरे रंग से रंगा गया था। इसमें सरकारी इमारतें भी शामिल थीं। हालांकि, नई सरकार के आने के बाद सरकारी इमारतों का रंग बदलकर नारंगी-भूरे रंग में बदल दिया गया। राज्य में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सरकारी इमारतों के रंग और योजनाओं के नाम बदलने पर बीजेडी ने भारतीय जनता पार्टी की जमकर आलोचना की थी।
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BJD ने की आलोचना
बीजेडी प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, 'भाजपा सरकार शिक्षा में बुनियादी ढांचे में सुधार और शिक्षकों की कमी जैसे वास्तविक मुद्दों को संबोधित करने के बजाय रंग और नाम बदलने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। इन दिखावटी कदमों को उठाकर सरकार संसाधनों को बर्बाद कर रही है। कम से कम उन्हें राज्य के विकास के लिए कुछ नया और अभिनव प्रयास करना चाहिए।'
यूनिफॉर्म का रंग और डिजाइन भी बदला गया
दरअसल, भाजपा सरकार ने कार्यभार संभालने के कुछ महीने बाद ही कक्षा 9 और 10 के लिए स्कूल यूनिफॉर्म का रंग और डिजाइन भी हरे से बदलकर हल्का भूरा और मैरून कर दिया था। स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि सरकार को इमारतों के रंग बदलने के बजाय एजुकेशन की क्वालिटी सुधारने पर फोकस करना चाहिए। प्राथमिक स्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष
ब्रह्मानंद मोहराणा ने कहा, 'इमारतों के रंग बदलने से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद नहीं मिलेगी।'
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भाजपा का पलटवार
इस बीच भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा, '5T योजना के तहत स्कूलों के रंग बदलने का चलन बीजद ने शुरू किया था। हम बस इसे सुधार रहे हैं। सरकार केवल रंग बदलने से नहीं रुकेगी बल्कि कई और विकास कार्य शुरू किए गए हैं और आगे भी किए जाएंगे।'