महाराष्ट्र में नवरात्र से पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें गरबा पंडालों में आधार कार्ड देखने बाद लोगों को अंदर जाने की अनुमति देने और सभी के माथे पर तिलक लगाने की सलाद दी गई। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई गैर-हिंदू इसमें न आ सके। वीएचपी की इस एडवाइजरी पर कांग्रेस ने निशाना साधा और इसे समाज में आग लगाने की कोशिश तक कह डाला।
वीएचपी ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि महाराष्ट्र के गरबा कार्यक्रम में सिर्फ हिंदुओं को अंदर आने की अनुमति मिलनी चाहिए। गेट पर ही सभी का आधार कार्ड जांचा जाए। सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाया जाए। पंडाल में घुसने से पहले पूजा भी सुनिश्चित की जाए। पूरे महाराष्ट्र में होने वाले गरबा कार्यक्रम पर विहिप और बजरंग दल के सदस्य नजर रखेंगे।
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कांग्रेस ने तीखा हमला बोला
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'वे (विहिप) समाज में आग लगाना चाहते हैं। वे समाज को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। इससे वह सियासी लाभ उठाना चाहते हैं। विहिप ने जो कहा है, वह कोई नई बात नहीं है। इस संगठन का जन्म ही देश को अस्थिर करने के इरादे से हुआ है।
वीएचपी ने कहा- गरबा मनोरंजन नहीं
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर का कहना है कि गरबा केवल एक डांस नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने वाली पूजा का एक रूप है। वे मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते। सिर्फ उन्हीं लोगों को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति मिले, जो इन अनुष्ठानों में विश्वास रखते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता आयोजनों की निगरानी करेंगे। गरबा पूजा का एक रूप है, मनोरंजन नहीं। जिन लोगों की देवी में आस्था नहीं है, उन्हें इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहिए।'
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भाजपा ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजकों को किसी कार्यक्रम में प्रवेश की शर्तें तय करने का अधिकार है। शर्त यह है कि कार्यक्रम पुलिस की अनुमति से आयोजित किया जा रहा हो। महाराष्ट्र भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा कि गरबा एक हिंदू आयोजन है। अन्य धर्मों के लोगों को गरबा करने और देवी की पूजा करने में दखल नहीं देना चाहिए।