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पैसे दिखते थे लेकिन कभी मिले नहीं, ट्रंप का वीडियो दिखाकर की ठगी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर बनी ऐप 'डोनाल्ड ट्रम्प रेंटल ऐप' के जरिए ठगों ने कई लोगों को शिकार बनाया। इस मामले में अब तक 15 लोगों ने शिकायत दर्ज करवा दी है।

representational image of cyber crime

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर कर्नाटक के कुछ लोगों से ठगी का मामला सामने आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के AI जेनरेटेड वीडियो से लोगों को ठगा गया है। पुलिस के अनुसार, पिछले 5-6 महीनों में कर्नाटक के कई शहरों में 200 से ज्यादा लोग इसका शिकार हुए हैं और उनसे 2 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई है। इसके लिए ठगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के AI जनरेटेड वीडियो का इस्तेमाल किया। साइबर अपराधियों ने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा करके पैसे ट्रंप के नाम पर बनी ऐप पर जमा करवाए। पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराध के ये मामले ज्यादातर बेंगलुरु, तुमकुरु, मंगलुरु और हावेरी में दर्ज किए गए हैं। अकेले हावेरी में ही 15 से ज्यादा लोगों ने कथित तौर पर इस घोटाले में पैसे गंवाए हैं।

 

ठगों ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए 'डोनाल्ड ट्रम्प रेंटल ऐप' बनाया था। वे लोगों को एक लिंक के जरिए इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहते थे। इस ऐप पर वे निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने का वादा करते थे। इस घोटाले में 800 से ज्यादा लोगों को फंसाने की कोशिश की गई थी। जिनमें कुछ ने कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने के लिए इसमें 10 लाख तक का निवेश कर दिया था। जब तक निवेशक यह समझ पाते कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है तब तक ठगों का गैंग फरार हो चुका थी।

 

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डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर ठगी


कर्नाटक के हावेरी जिले के एसपी अंशु कुमार श्रीवास्तव ने इस ठगी की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'आरोपियों ने 'डोनाल्ड ट्रम्प रेंटल ऐप' नाम का एक ऐप बनाया। इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए एक लिंक दिया जाता था। लोगों से इस लिंक पर क्लिक करके ऐप डाउनलोड करेने से लिए कहा गया था। फिर ऐप उन्हें पंजीकरण राशि जमा करने के लिए कहता है। पीड़ित को रिटर्न का विश्वास दिलाकर एक बड़ी राशि उनसे ले लेते थे। इस मामले की जांच की जा रही है।' 

 

कर्नाटक पुलिस ने बताया कि पीड़ितों को बड़े रिटर्न और घर से काम करने और निवेश करने के ऑफर दिए गए। पुलिस ने कहा कि धोखेबाजों ने शुरू में लोगों को ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए 1,500 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा। इसके बाद उन्हें कई टास्क दिए जाते और हर एक टास्क पूरा होने के बाद उससे होने वाली कमाई ऐप डैशबोर्ड पर ऐप यूजर के अकाउंट में जुड़ जाती थी। हालांकि, इस राशि को वे निकाल नहीं सकते थे। यह सिर्फ लोगों को ठगने और उनसे पैसा निकलवाने का तरीका था। 

 

वकील को भी ठगा


हावेरी में कुल 15 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस का मानना है कि इस स्कीम में कई लोगों ने पैसा गंवाया है लेकिन वे सामने आकर इसकी शिकायत नहीं कर रहे हैं। एक वकील ने भी इस ऐप पर इस साल 25 जनवरी से 4 अप्रैल तक लगभग 6 लाख रुपये जमा किए। वकील को इस साल की शुरुआत में यूट्यूब की एक शॉर्टस पर डोनाल्ड ट्रंप होटल में निवेश करने का ऑफर मिला था। वकील ने बताया, 'उस वीडियो में एक लिंक दिया गया था। उस लिंक पर क्लिक करने के बाद एक ऐप डाउनलोड करने को कहा गया।। इसके साथ ही मुझे एक फॉर्म भरने के लिए कहा गया जिसे मैंने भर दिया। इस ऐप पर मुझे बैंक खाते की डिटेलस और IFSC कोड डालने के लिए कहा गया।' 

 

वकील ने बताया कि ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए पहले पैसा मांगा गया। वकील ने कहा, ' ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए मुझसे तब 1,500 रुपये देने के लिए कहा गया था। इसके बदले में ऐप पर मेरी प्रोफाइल में 30 रुपये मिले। मुझे हर दिन 30 रुपये इस ऐप पर मिलते थे। इस ऐप पर कई तरह के ऑफर आते थे और मुझे ज्यादा निवेश करने के लिए कहा जाता था। इस ऐप पर मैंने 1 लाख रुपये तक की राशि लगा दी थी।' वकील का कहना है कि काफी लोगों ने इस ठगी में फंसकर अपने रुपये गंवा दिए हैं।

 

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AI वीडियो में क्या था?

डोनाल्ड ट्रम्प रेंटल ऐप पर कई AI से बनी हुई वीडियो चलाई जाती थी। इन वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप का AI अवतार कई फर्जी इन्वेस्टमेंट प्लान की प्रमोशन करता था। AI वीडियो लोगों को रियल वीडियो लगे क्योंकि उनको बहुत बारीकी से बनाया गया था। इन वीडियो को देखने के बाद लोगों को लगा कि बताई जा रही इन्वेस्टमेंट स्कीम सच में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेकर आए हैं। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें ट्रंप होटल रेंटल प्रोग्राम  में निवेश करने पर जबर्दस्त रिटर्न का वादा किया गया था। कुछ लोगों को घर से काम करने के नाम पर मोटा पैसा मिलने की बात कही गई और कुछ लोगों को टास्क भी दिए गए थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट कर लोगों को मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया था। यूट्यूब पर कई वीडियो में इस ऐप का प्रमोशन किया गया था।

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