कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में रेणुकास्वामी मर्डर केस में बंद कन्नड़ ऐक्टर दर्शन थुगुदीपा की अदालत में दायर याचिका खारिज कर दी गई है। याचिका में मांग की गई थी कि उन्हें पारापना अग्रहारा सेंट्रल जेल से हटाकर बल्लारी जेल भेज दिया जाए। दर्शन ने जज से यह भी मांग की है कि उन्हें जहर दे दिया जाए। दर्शन को 11 जून 2024 को रेणुकास्वामी के मर्डर में भूमिका पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
दर्शन वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए सुनवाई के लिए पेश हुए थे। कोर्ट में सुनवाई के समय दर्शन ने कहा, 'करीब 1 महीने से सूरज नहीं देखा। हाथ में फंगल इंफेक्शन हो गया है। यहां जीने में बहुत मुश्किल हो रही है।' आगे दर्शन ने रोते हुए जज से अपील की कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए बस उन्हें जहर दे दिया जाए। इस पर जज ने उनको फटकार लगा कर कहा कि आपको इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाग गए थे दुबई, 26 साल बाद हुए गिरफ्तार
जज ने खारिज की याचिका
अदालत ने दूसरे जेल भेजने की दर्शन की याचिका को खारिज कर दिया पर कोर्ट ने उनको कुछ रियायत दी है। कोर्ट ने यह माना कि किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया, इसलिए कुछ रियायतें मिल सकती है। कोर्ट ने उनको जेल में घूमने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा जेल नियमों के हिसाब से उन्हें बेडशीट और सोने के लिए अलग से तकिया भी दिया जाने का आदेश दिया है। दरअसल इसके पहले दर्शन को जेल के बैरक में रखा जाने का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें- प्रज्ञा ठाकुर समेत 7 को बरी करने के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा पीड़ित पक्ष
पूरा मामला
दर्शन को 11 जून, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर 9 जून को अपने एक फैन, रेणुकास्वामी की हत्या में शामिल होने का आरोप था। रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर बेंगलुरु में सोशल मीडिया पर दर्शन की दोस्त और ऐक्ट्रेस पवित्रा गौड़ा को परेशान और उनके साथ गाली-गलौज की थी। जांच में पता चला कि ऐक्टर ने कुछ लोगों को मर्डर के लिए पैसे दिए थे। इसके बाद पवित्रा गौड़ा समेत कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
दर्शन 131 दिन जेल में रहे और 30 अक्टूबर को अंतरिम जमानत पर रिहा हो गए। 13 दिसंबर को कर्नाटक हाई कोर्ट ने दर्शन और पवित्रा गौड़ा को नियमित जमानत दे दी, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत रद्द कर दी।