राजस्थान में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर भड़की हिंसा, नाराज क्यों हैं किसान?
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में किसानों ने एक प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन ने बाद में हिंसक रूप ले लिया।

प्रदर्शन करते किसानों को रोकती पुलिस। Photo Credit- PTI
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक प्राइवेट कंपनी के प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों ने हिंसक विरोध किया है। विरोध की वजह से पूरे कंपनी क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। किसानों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वे निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे। विरोध-प्रदर्शन के लिए किसान गुरुवार की सुबह से ही टिब्बी में विरोध स्थल के पास गुरुद्वारे में इकट्ठा होने लगे थे। तनाव को देखते हुए इस इलाके में लगातार दूसरे दिन भी इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।
बताया जा रहा है कि एथेनॉल फैक्ट्री के आसपास के इलाके से करीब 30 परिवार डर के मारे अपने घर छोड़कर चले गए हैं। दरअसल, किसानों के विरोध-प्रदर्शन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया था। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राठीखेड़ा गांव में ‘ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड’ के निर्माणाधीन फैक्ट्री स्थल पर धावा बोल दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में किसानों ने कथित तौर पर कंपनी की चारदीवारी तोड़ दी, साथ ही इसके कार्यालय और वहां खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी।
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प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का बल प्रयोग
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। गुस्साए किसानों ने पुलिस जीप और कई गाड़ियों सहित एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दी। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान महिलाओं सहित 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस झड़प में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को लाठीचार्ज के दौरान सिर में चोट लग गई, जिसके बाद उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल ले भर्ती करवाया गया।
https://twitter.com/ramanmann1974/status/1998763128088310029
हनुमानगढ़ डीएम ने क्या कहा?
हनुमानगढ़ के जिलाधिकारी डॉ. खुशाल यादव ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई हैं। डीएम खुशाल यादव ने बताया, 'यह फैक्टरी 2022 की परियोजना का हिस्सा है, जिसे ‘राइजिंग राजस्थान समिट’ के दौरान मंजूरी दी गई थी। जमीन के रूपांतरण से लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक सभी जरूरी अनुमतियां दे दी गई हैं।'
विरोध-प्रदर्शन से पहले किसानों ने महापंचायत की थी। उन्होंने बताया हालांकि शांतिपूर्ण महापंचायत की अनुमति दी गई थी लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए फैक्ट्री की ओर मार्च किया। अधिकारी ने बताया, 'कुछ लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया। इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सभी से शांति बनाए रखने और हिंसा का सहारा न लेने की अपील की जाती है।'
शिकायतों के लिए संवैधानिक तरीके मौजूद
डीएम ने बताया कि शिकायतों को हल करने के लिए कई संवैधानिक तरीके मौजूद हैं और अगर कोई शंका है तो उन्हें कानूनी व संवैधानिक रूप से हल किया जा सकता है लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने से बचा जा सकता था। टिब्बी और राठीखेड़ा गांव में पुलिस आरएसी और होम गार्ड के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है। यहां गुरुवार को दुकानें खुलीं, स्थिति शांत दिखी लेकिन किसान गुरुद्वारे में इकट्ठा होते रहे।
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राजनीतिक दलों का हल्ला-बोल
इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करने के लिए दोपहर में किसानों की बैठक हुई। घायल महिलाओं समेत प्रदर्शनकारियों ने रात गुरुद्वारा सिंह सभा में बिताई। वहीं, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और हरियाणा व पंजाब के कई किसान संगठनों के नेता इस विरोध-प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। फैक्टरी हटाओ संघर्ष समिति के नेता रवजोत सिंह ने दावा किया, 'झड़प में महिलाओं समेत 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। 100 से ज्यादा किसान रात भर गुरुद्वारे में रुके और आज सुबह और भी लोग आ रहे हैं।'
कांग्रेस नेता शबनम गोदारा ने कहा कि हिंसा के लिए सिर्फ प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, 'किसानों ने सिर्फ लिखित आश्वासन मांगा था कि निर्माण रोक दिया जाएगा। उनकी जायज चिंताओं को दूर करने के बजाय प्रशासन ने उन्हें उकसाया। उन्होंने सिर्फ रोजगार के वादों की बात करके लोगों को गुमराह किया।' गोदारा ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
किसान संगठनों का कहना है कि प्रस्तावित फैक्ट्री को पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह मंजूरी और स्थानीय लोगों की रजामंदी के बिना काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। इस बीच ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि यह परियोजना केंद्र सरकार की इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम का समर्थन करेगी।
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