समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद में बने दफ्तर को खाली करने का नोटिस दिया है। प्रशासन ने समाजवादी पार्टी को दो हफ्तों के भीतर यह दफ्तर खाली करने को कहा है। अगस्त में प्रशासन ने पार्टी को एक महीने का वक्त दिया था। हालांकि, इसे अब तक खाली नहीं किया गया है। इसलिए अब दो हफ्ते का समय और दिया गया है।
सपा के जिस दफ्तर को खाली करने का आदेश दिया गया है, वह मुरादाबाद में राम मनोहर लोहिया मार्ग पर स्थित है। यहां बना बंगला नंबर-4 समाजवादी पार्टी का जिला दफ्तर है। यह बंगला 1994 में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को आवंटित किया गया था। अब 31 साल बाद इस बंगले को खाली करने का आदेश दिया गया है।
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खाली क्यों कराया जा रहा है बंगला?
दरअसल, यह बंगला जहां बना है वह नजूल की जमीन है। नजूल की जमीन सरकार की होती है। सरकार की अनुमति से ही नजूल की जमीन का इस्तेमाल हो सकता है।
एडीएम ममता मालवीय ने बताया कि यह बंगला नजूल की जमीन पर प्लॉट नंबर 322 पर बना है। इसका महीने का किराया सिर्फ 250 रुपये था।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका परिषद और कमिश्नर, दोनों ने समाजवादी पार्टी को पत्र लिखा है। उन्हें एक महीने के अंदर बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था। उन्हें अभी दो हफ्ते का समय और दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी जब बंगला खाली करेगा तो सरकार इसे अपने कब्जे में ले लेगी।
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लेकिन 31 साल बाद क्यों?
10 अक्टूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था। मुरादाबाद का यह बंगला पहले मुलायम सिंह यादव के नाम पर आवंटित था। यह बंगला 1000 वर्ग गज में बना हुआ है। बताया जा रहा है कि उनके निधन के बाद पार्टी की तरफ से इसके ट्रांसफर करवाने को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।
चूंकि, समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक इसका आवंटन नहीं लिया गया है, इसलिए प्रशासन ने इसे रद्द करने का आदेश दिया है। डीएम अनुज कुमार सिंह ने बंगले का आवंटन रद्द करने का आदेश देते हुए बताया था कि वैध अनुमति के बिना किसी भी राजनीतिक पार्टी को सरकार इमारत का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा सकता।
पिछले महीने प्रशासन ने सपा के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को औपचारिक नोटिस भेजकर एक महीने के भीतर बंगला खाली करने और जिला प्रशासन को सौंपने का निर्देश दिया था।