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संजौली मस्जिद ढहेगी लेकिन बच जाएगा कुछ हिस्सा, हाई कोर्ट के फैसले में क्या है?

संजौली मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा था। निचली अदालत ने मस्जिद गिराने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ मस्जिद समिति ने हाई कोर्ट का रुख किया था।

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संजौली मस्जिद, शिमला। (Photp Credit: PTI)

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संजौली मस्जिद के ऊपरी हिस्से में बनी 3 मंजिलें हटाई जाएंगी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला दोहराया है। वक्फ बोर्ड ने निचली अदालत के एक फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मस्जिद समिति और वक्फ बोर्ड ने वादा किया था कि इन मंजिलों को हटा दिया जाएगा, इसलिए इन्हें हटाना जरूरी है। हाई कोर्ट ने निचली दो मंजिल को लेकर स्टे ऑर्डर दिया है। अब निचले दो मंजिलों की यथास्थिति बरकरार रहेगी। निचली अदालत ने मस्जिद के पूरे हिस्से को गिराने का आदेश दिया था।

हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर इन्हें मस्जिद कमेटी खुद नहीं हटाती है तो नगर निगम इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। केस की अगली सुनवाई मार्च में होगी। वक्फ ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि तीन मंजिलों में दो मंजिलें हटा दी गईं हैं, आखिरी मंजिल भी हटाई जाएगी। अब कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद की निचली दो मंजिलों को लेकर यथास्थिति बरकरार रहेगी। हाई कोर्ट ने पूरी इमारत गिराने पर रोक लगा दी है। 

यह भी पढ़ें: संजौली मस्जिद मामले में कोर्ट का आदेश- एफिडेविट फाइल करे वक्फ बोर्ड

जिला अदालत का फैसला क्या था?

शिमला की जिला अदालत ने भी संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे को गिराने का नगर निगम आयुक्त का आदेश पूरी तरह बरकरार रखा था। यह मस्जिद 5 मंजिला इमारत थी। वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति की याचिका निचली अदालत से खारिज हो गई थी। पहले से ही मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलें अवैध पाई जा चुकी थीं और उनका कुछ हिस्सा तोड़ा भी जा चुका है।
 

मस्जिद समिति ने खुद ये तीन मंजिलें गिराने की पेशकश की थी, लेकिन नीचे की दो मंजिलें बचाने की कोशिश कर रही थी। जिला जज यजुविंदर सिंह ने साफ कहा था कि वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति यह साबित नहीं कर पाई कि उनके पास इस जमीन का वैध मालिकाना हक है, इसलिए बाकी दो मंजिलें भी गिरानी होंगी। मस्जिद समिति ने हिमाचल हाई कोर्ट का रुख किया। समिति ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो सु्प्रीम कोर्ट भी जाएंगे। 

यह भी पढ़ें: 'नहीं करने देंगे जुमे की नमाज', शिमला की संजौली मस्जिद पर क्या है पूरा विवाद?

संजौली मस्जिद पर तकरार क्यों?

संजौदी मस्जिद शिमला में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से, बिना नगर निगम की इजाजत के मस्जिद समिति ने निर्माण कराया। यह अवैध तौर पर खड़ी की गई। वक्फ बोर्ड की जमीन होने के दावे पर भी लोग सवाल उठाते रहे हैं। हिंदू संगठनों का दावा है कि मस्जिद बिना नगर निगम की अनुमति के बनाई गई और यह वक्फ बोर्ड की जमीन नहीं है। वहीं मुस्लिम पक्ष इसे पूरी तरह वैध और वक्फ में रजिस्टर्ड बताता है। मामला 2010 से कोर्ट में है। अगस्त 2024 में एक मारपीट की घटना के बाद कुछ मुस्लिम युवक मस्जिद में छिपे, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का और बड़े प्रदर्शन हुए। अब हाई कोर्ट ने मस्जिद के पूरे ढांचे को गिराने वाले फैसले पर रोक लगा दी है।

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