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इटावा: इमरजेंसी ड्यूटी से डॉक्टर को पुलिस उठा ले गई, SSP ने मांगी माफी

इटावा में पुलिस ने इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को एसएसपी की मां का इलाज कराने के लिए जबरन उठा लिया। विवाद बढ़ने पर एसएसपी ने डॉक्टर से माफी मांगी।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, AI Generated Image

उत्तर प्रदेश के इटावा से खबर आई जहां पुलिस ने ही ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को जबरदस्ती उठा लिया। मामला यह है कि शहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( एसएसपी) की मां की तबीयत खराब हो गई थी जिसके कारण हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में काम कर रहे डॉक्टर को पुलिस वहां से उठा कर ले गई। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के बाद  एसएसपी  ने डॉक्टर से माफी मांगी है।

 

 

इटावा के डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल बाबू को ही पुलिस कर्मी जबरन उठा कर ले गए थे। डॉक्टर राहुल ने सिविल लाइन थाना पुलिस पर बदतमीजी और अपहरण का आरोप लगाया है। घटना से डॉक्टर बहुत नाराज है। इसके कारण उन्होंने डेढ़ से दो घंटे तक ओपीडी सेवाएं बंद रखीं। स्वास्थ्य सेवाएं रुकी होने से मरीजों को कई तरह की परेशानी को झेलना पड़ा। बाद में चीफ हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) डॉ. बी.के. सिंह के समझाने पर डॉक्टरों ने अपना काम फिर से शुरू किया।

 

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डॉक्टरों की मांग

 

डॉक्टरों ने इस हरकत को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। डॉक्टरों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पीड़ित डॉक्टर ने बताया कि रात करीब 12 बजे 3 पुलिसकर्मी हॉस्पिटल पहुंचे, जिनमें सिविल लाइन थाना इंचार्ज सुनील कुमार भी शामिल थे। राहुल ने बताया कि उनसे कहा गया कि एसएसपी की मां की तबीयत खराब है और डॉक्टर को फौरन चलना होगा। जब डॉक्टर ने उनसे फार्मासिस्ट की व्यवस्था करने की बात कही तो पुलिसकर्मी बदतमीजी करने लगे और उन्हें जबरन अस्पताल से उठाकर ले गए।

 

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राहुल ने बताया कि उनका फोन भी उनसे छीन लिया गया था। अब घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें डॉक्टर को हॉस्पिटल से ले जाते देखा जा सकता है। डॉक्टर ने इस मामले में किडनैपिंग की धाराओं में केस दर्ज कराने के लिए अनुरोध-पत्र दिया है।

 

सीएचओ डॉ. बी.के. सिंह ने कहा, 'इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर को इस तरह उठाकर ले जाना गंभीर अपराध है और अपहरण की श्रेणी में आता है। मैंने डॉक्टर को विश्वास दिलाया है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ लिखित शिकायत किया जाएगा।  आगे जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।'

 

 

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