हाल ही में, पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार से अधिक टीचर्स और नॉन-टीचर्स कर्मियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रभावित कर्मचारियों से कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार योग्य उम्मीदवारों की नौकरी बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
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भाजपा पर लगाए आरोप
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं उन लोगों के साथ खड़ी हूं जिन्होंने अपनी नौकरियां खो दी हैं। मैं उनकी गरिमा बहाल करने के लिए सब कुछ करूंगी।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है। ममता ने विपक्षी दलों, खासकर भाजपा और माकपा पर इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया। बता दें कि एंट्री पास न मिलने के कारण कई प्रभावित कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई हुई। अब प्रभावित शिक्षकों ने 21 अप्रैल को नबन्ना (राज्य सचिवालय) के सामने विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें वे अपनी नौकरियों की बहाली की मांग करेंगे।
'जेल जाने को तैयार'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ममता ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बंधी हुई है लेकिन स्थिति को सावधानी और निष्पक्षता से संभालने के लिए सक्रिय कदम उठा रही हूं।' ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं योग्य उम्मीदवारों को स्कूल की नौकरी नहीं खोने दूंगी। अगर कोई मुझे स्कूल की नौकरी खोने वालों के साथ खड़े होने के लिए सजा देना चाहता है, तो मैं जेल जाने के लिए भी तैयार हूं।'
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TMC सरकार जिम्मेदार
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी आरोप लगाया कि उनका नाम ऐसी चीज में घसीटा जा रहा है, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं कि पात्र उम्मीदवार बेरोजगार न हों या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए।'इस बीच, भाजपा ने ममता बनर्जी पर भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनकी आलोचना की है। भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि इस स्थिति के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।