तेलंगाना के निर्माणधीन श्रीशैलम टनल की छत का एक हिस्सा ढहने से झारखंड के गुमला के चार मजदूर समेत 8 लोग अंदर फंसे हुए हैं। पिछले 45 घंटे से अधिक समय बीत चुका हैं। भारतीय सेना, NDRF, SDRF समेत कई अन्य एजेंसियां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं लेकिन अभी तक मजदूरों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
पीटीआई के अनुसार नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर बी संतोष ने कहा, 'अभी तक, फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं है। बचाव दल अंदर जाकर देखेगा और फिर हम बता पाएंगे।' श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग के अंदर आठ लोग लगभग 14 किलोमीटर अंदर फंसे हुए हैं।
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22 फरवरी को हुई घटना
हैदराबाद से करीब 120 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी के नीचे खुदाई का काम कर रहे 51 मजदूरों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह गया। ज्यादातर मजदूर बच गए लेकिन दो साइट इंजीनियरों समेत कुछ मजदूर सुरंग के पास टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पीछे फंस गए। यह सुरंग एसएलबीसी परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्रीशैलम जलाशय से नलगोंडा को 30 टीएमसी फीट (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी उपलब्ध कराना है।
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तेलंगाना सुरंग ढहने की घटना पर क्या है ताजा अपडेट?
- तेलंगाना के मंत्री जे. कृष्णा राव ने कहा कि सुरंग में मलबा ज्यादा जमा होने के कारण अंदर जाना मुश्किल हो रहा है। रेस्क्यू टीम रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर अंदर जाने की कोशिश कर रही हैं।
- सुरंग के ढहने के बाद 13वें किलोमीटर तक रेस्क्यू टीम पहुंचने में सफल रही। बचाव कार्य में सेना का 24 जवान, SDRF कर्मी, SCCL के 23 सदस्य और अन्य एजेंसियां लगी हुई हैं। 13 किमी अंदर तक पहुंचने के बाद बचावकर्मियों ने अंदर फंसे लोगों का नाम लिया लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
- सुरंग में ऑक्सीजन और पावर सप्लाई उपलब्ध करा दी गई है और जल निकासी का कार्य भी चल रहा है।
- एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल को बताया कि सुंरग में जलभराव होने के कारण भारी मशीन अंदर नहीं जा सकता है। 13 किमी के ठीक पहले दो किमी तक जलभराव है। बचावकर्मियों के लिए यह कार्य चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। जल निकासी के बाद ही मलबा हटाने का काम शुरू हो सकता है।
- फंसे हुए 8 लोगों में प्रोजेक्ट इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्री निवास (दोनों उत्तर प्रदेश के निवासी)
- मजदूरों में संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू (सभी झारखंड के निवासी)
- जम्मू और कश्मीर से मजदूर सन्नी सिंह और पंजाब से मजदूर गुरप्रीत सिंह भी फंसे हुए है।