दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने एक हैरान करने वाले मामले में एक डॉक्टर पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। डॉक्टर पर 2011 के एक हत्या के मामले में मुकदमा चल रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान जज के सामने चावल फेंककर कोर्ट के काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की। कोर्ट में मौजूद वकीलों को शक है कि यह ‘काला जादू’ से जुड़ा हो सकता है।
11 अगस्त को तीस हजारी कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शेफाली बरनाला टंडन के सामने डॉ. चंद्र विबास का मामला सुनवाई के लिए लिस्टेड था। सुनवाई शुरू होने से पहले कोर्ट के कर्मचारियों और वकीलों ने बताया कि डॉ. विबास ने जज के मंच के नीचे फर्श पर कुछ चावल के दाने फेंके। इस घटना से कोर्ट की कार्यवाही करीब 15-20 मिनट के लिए रुक गई, क्योंकि वकील बिना सफाई के आगे बढ़ने को तैयार नहीं थे।
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कोर्ट ने जताई नाराजगी
न्यायाधीश ने इसे 'हैरान करने वाला और अनुचित' व्यवहार बताया। कोर्ट ने कहा, 'यह बहुत चौंकाने वाला है कि एक सर्जन और शिक्षित वर्ग से ताल्लुक रखने वाला व्यक्ति इस तरह का व्यवहार करे।' कोर्ट ने डॉ. विबास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 267 के तहत कार्रवाई की, क्योंकि उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही में बाधा डाली।
डॉक्टर ने मांगी माफी
डॉक्टर ने बाद में कोर्ट से माफी मांगी और पछतावा जताया। उन्होंने बताया कि उनके हाथ में चावल थे, जो गलती से गिर गए। हालांकि, वे यह समझाने में नाकाम रहे कि वे कोर्ट में चावल लेकर क्यों आए थे। कोर्ट ने उनके माफी मांगने और परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें अगली सुनवाई तक हिरासत में रखने और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। डॉ. विबास ने उसी दिन जुर्माना जमा कर दिया।
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वकीलों को 'काला जादू' का शक
कोर्ट में मौजूद वकीलों ने चावल फेंकने को 'काला जादू' से जोड़ा और शुरू में आगे बढ़ने से हिचकिचाए। इसके बाद, घटना के 10 मिनट बाद एक सफाईकर्मी ने फर्श साफ किया, तब जाकर कार्यवाही फिर से शुरू हुई।