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पेपर लीक मामले में धामी ने मानी छात्रों की मांग, बोले- होगी CBI जांच

उत्तराखंड में हुए पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की मांग को मान लिया है। उन्होंने कहा कि छात्रों के मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे।

पुष्कर सिंह धामी । Photo Credit: PTI

पुष्कर सिंह धामी । Photo Credit: PTI

उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन कर रहे छात्रों से मुलाकात की और इसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए हामी भरी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो भी छात्र परीक्षा देने वाले हैं उनके खिलाफ जो भी मुकदमे हैं उन्हें वापस लिया जाएगा।

 

अभी इस मामले में एसआईटी की जांच चल रही है और छात्र पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। भारी संख्या में युवा पिछले 8 दिनों से परेड ग्राउंड धरना स्थल पर बैठे हुए थे। युवाओं की मांग थी कि पेपर को रद्द किया जाए और पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। अब राज्य सरकार ने इस बात को मांग ली है।

 

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गठित हुई थी एसआईटी

अब तक इस मामले में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया गया था जो कि पूरे मामले की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें से एक का नाम खालिद औऱ दूसरी उसकी बहन साबिया है। इसके अलावा इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, हरिद्वार परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक एसआई समेत दो पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं।

 

क्या था मामला

उत्तराखंड में रविवार (21 सितंबर) को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद ही लक्सर के बहादुर पुर जट गांव के एक परीक्षा केंद्र से पेपर सोशल मीडिया पर लीक होने की खबरें आने लगीं। इसके बाद बवाल मच गया।

 

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बाद में सूचना के मुताबिक खालिद मलिक पर पेपर लीक का आरोप लगा। कहा गया कि उसने पेपर को असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजा। उसने पेपर इसलिए भेजा था ताकि उसकी बहन साबिया को सवालों का जवाब मिल सके। इस प्रकरण में राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा टिहरी में सेवारत असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन पर आरोप लगा कि उन्होंने प्रश्न पत्र बाहर आने की जानकारी पुलिस और अधिकारियों के देने के बजाय बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों को दी. जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा जिस सेंटर पर पेपर लीक की खबर आई थी उस सेक्टर के मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को भी निलंबित कर दिया गया। 

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