उत्तर प्रदेश में IIT-कानपुर की एक 26 वर्षीय पीएचडी छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर रेप और यौन-शोषण का आरोप लगाया है। यह मामला दिसंबर 2024 में सुर्खियों में आया और तब से कई मोड़ ले चुका है। हाल ही में, पीड़िता पर भी एक केस दर्ज हुआ है, जिससे यह मामला और भी उलझता जा रहा है। पीड़िता ने दावा किया कि एसीपी मोहसिन खान ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारिरिक संबंध बनाए। बता दें कि पीड़िता IIT कानपुर में साइबर क्राइम पर पीएचडी कर रही थी और मोहसिन खुद साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी में पीएचडी के लिए IIT में दाखिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अपनी शादीशुदा होने की पहचान छिपाई और पीड़िता से शादी करने का भरोसा दिलाया।
पीड़िता और मोहसिन की मुलाकात दिसंबर 2023 में IIT कानपुर में एक साइबर सेल और कार्यक्रम के दौरान हुई। मोहसिन ने पीड़िता से पीएचडी एडमिशन के लिए मदद मांगी, जिसमें पीड़िता ने उनकी फीस जमा की और इंटरव्यू के टिप्स दिए। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। पीड़िता ने कहा कि वह उस समय ब्रेकअप के दौर से गुजर रही थी, जिसका फायदा मोहसिन ने उठाया।
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मोहसिन पर लगे कई आरोप
27 नवंबर, 2024 को मोहसिन की पत्नी ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया जिसके बाद पीड़िता को उनकी शादीशुदा होने और कोई तलाक न होने की जानकारी मिली। इसके बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई। पहली FIR 12 दिसंबर, 2024 को पीड़िता ने कराई। पीड़िता ने कल्याणपुर थाने में मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत बलात्कार और यौन शोषण का मामला दर्ज कराया। मोहसिन को तुरंत कानपुर से हटाकर लखनऊ पुलिस मुख्यालय (डीजीपी हेडक्वार्टर्स) ट्रांसफर कर दिया गया।
शिकायत के बाद कानपुर पुलिस ने डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। एसआईटी ने IIT के प्रोफेसर, स्टाफ और गार्डों के बयान दर्ज किए। 19 दिसंबर, 2024 को इलाहबाद हाईकोर्ट ने मोहसिन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और जांच पर भी अस्थायी स्टे दे दिया। मोहसिन के वकील गौरव दिक्षित ने दावा किया कि मोहसिन ने अपनी पत्नी को तलाक नोटिस भेजा था और पीड़िता पहले से शादीशुदा थी। पीड़िता ने दूसरी FIR मोहसिन के वकील गौरव दिक्षित के खिलाफ की, जिसमें आपराधिक धमकी और मानहानि का आरोप लगया। पीड़िता ने कहा कि मोहसिन और उनके वकील ने उनकी शादी का झूठा दावा कर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया और धमकियां दी। पीड़िता ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से भी मांग की।
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मोहसिन को किया गया निलंबित
12 मार्च, 2025 के एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मोहसिन को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई पीड़िता द्वारा डीजीपी प्रशांत कुमार को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करने के बाद हुई। IIT कानपुर ने यूपी पुलिस की एनओसी रद्द होने के बाद मोहसिन का पीएचडी प्रोग्राम 28 दिसंबर, 2024 को समाप्त कर दिया।
अब पीड़िता पर केस दर्ज
मोहसिन खान की पत्नी ने 30 अप्रैल को पीड़िता के खिलाफ एक FIR दर्ज कराई है। यह केस पीड़िता पर झूठे आरोप लगाने और मानहानि या अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। मोहसिन की पत्नी ने दावा किया कि पीड़िता ने उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया और झूठे आरोप लगाकर उनके पति को फंसाया। पत्नी ने आरोप लगाया कि पीड़िता ने मोहसिन के घर में घुसकर सभी को बंधक बनाकर धमकी दी। हालांकि, पीड़िता ने इन आरोपों से इनकार किया है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मोहसिन और उसकी मां जबरन इस्लाम धर्म अपनाने और निकाह का दबाव बनाते थे। रावतपुर थाने में पीड़िता में खिलाफ केस दर्ज हुआ है।