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दूसरी जाति में हुआ प्यार तो पिता ने कर दी बेटी की हत्या, खुद खाया जहर

उत्तर प्रदेश के संभल में एक पिता ने अपनी बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद जहर खा लिया। पुलिस ने इसे ऑनर किलिंग का मामला बताया है।

UP Father kills teen over affair

हत्या, Photo Credit: Pexles

उत्तर प्रदेश के संभल के एक गांव में एक पिता ने अपनी 19 वर्षीय बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दरअसल, उसकी बेटी एक अलग जाति के व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी जिसका विरोध उसका पिता कर रहा था। 

 

पुलिस ने बताया कि 42 वर्षीय राजपाल सिंह ने अपनी बेटी की हत्या भारी औजार से की और बाद में खुद जहरीला पदार्थ खा लिया। पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम उसे अस्पताल ले गई। सूत्रों ने बताया कि सिंह को बाद में मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया और उसकी हालत गंभीर है।

 

बेटी ने रिश्ता नहीं तोड़ा तो कर दी हत्या

ऐचोरा कम्बोह थाने के एसएचओ रुकमपाल सिंह ने बताया, 'महिला की तुरंत मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। राजपाल सिंह को मंगलवार को अपनी बेटी के रिश्ते के बारे में पता चला और उसने उससे कहा कि वह व्यक्ति दूसरी जाति का है। हालांकि, वह उससे रिश्ता तोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई।' संभल के असमोली के डीएसपी कुलदीप सिंह ने बताया, 'यह ऑनर किलिंग का मामला लगता है। पिता के ठीक होने के बाद हम उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।'

 

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भारत में ऑनर किलिंग के कितने मामले?

भारत में ऑनर किलिंग के मामलों की संख्या चिंताजनक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 और 2020 में प्रत्येक वर्ष 25 ऑनर किलिंग के मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 33 हो गई।

 

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनर किलिंग के वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं, क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं होते या उन्हें अन्य अपराधों की श्रेणी में दर्ज किया जाता है। वर्तमान में, भारत में ऑनर किलिंग के खिलाफ कोई विशेष कानून नहीं है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। इसके बाद पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान जैसे राज्यों में भी ऐसे अपराधों की घटनाएं होती हैं। ऑनर किलिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए, विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों ने इस समस्या के समाधान के लिए विशेष कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

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