योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों को मर्जर करने के फैसले में गुरुवार को बदलाव किया है। सरकार के फैसले को लेकर जानकारी खुद बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और एपीसी दीपक कुमार ने लखनऊ में दी। उन्होंने कहा कि एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मौजूद को भी स्कूल मर्जर से बाहर रहेंगे। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि छात्र-छात्राओं को स्कूल आने-जाने में परेशानी होने पर 50 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों का भी विलय नहीं होगा। ऐसे में 50 से ज्यादा छात्रों की संख्या वाले स्कूल मर्जर से बाहर रहेंगे।
दरअसल, प्राइमरी स्कूलों को जरूरत के मुताबिक विलय के फैसले को लेकर हो यूपी सरकार की आलोचना हो रही थी। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस प्रक्रिया से शिक्षकों का एक भी पद खत्म नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर छात्र-शिक्षक अनुपात को बनाए रखने के लिए नए शिक्षकों की नियुक्तियां भी की जाएंगी।
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शिक्षकों के पद खत्म होने पर दिया जवाब
मंत्री ने विलय के बाद शिक्षकों के पदों को खत्म किए जाने की अटकलों को गलत बताते हुए कहा कि पिछले दिनों कुछ ऐसी भी जानकारियां सुनने को मिली कि शिक्षकों के पदों को समाप्त किया जाएगा, तो मैं यह बताना चाहता हूं कि शिक्षकों का एक भी पद समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जितने पद स्वीकृत हैं उन पदों पर जो व्यवस्था पहले से चलती आ रही है वह चलती रहेगी। प्रधानाध्यापकों के पद भी समाप्त नहीं किए जाएंगे।
छात्रों के हित के लिए है मर्जर
मंत्री संदीप सिंह ने लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'स्कूलों के मर्जर का फैसला छात्रों के हित के लिए है। पिछले दिनों इस तरह की बातें हुईं कि सरकार कुछ स्कूलों को बंद करने जा रही है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित सभी एक लाख 32 हजार 886 परिषदीय स्कूल पूरी तरह से अभी चलते रहेंगे।'
अलग हो जाएंगे स्कूल
उन्होंने कहा, 'इन सभी स्कूलों का यूडाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) कोड है। जो स्कूल मर्ज किए गए हैं, अगर बच्चों को कहीं पर असुविधा हो रही है तो इसके सख्त निर्देश दिए गए हैं कि उन सभी स्कूलों को वापस अलग-अलग कर दिया जाए। एक किलोमीटर से अधिक की दूरी या फिर वहां की भौगोलिक कोई भी परिस्थिति उत्पन्न होती है, जहां बच्चों को आने-जाने में परेशानी हो सकती है, ऐसे में अगर हम वहां कम छात्रों का स्कूल चला रहे हैं तो वह स्कूल ही चलता रहेगा।'
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उन्होंने कहा, 'आने वाले एक हफ्ते में स्कूलों के विलय का काम पूरा कर लिया जाएगा।' उन्होंने एक सवाल पर कहा, 'सरकार ने कभी भी नहीं कहा कि हमने नई भर्ती पर कोई रोक लगाई है। हम छात्र-शिक्षक अनुपात की बात करते हैं। हम अपने मानक को पूरा करेंगे। अगर यह मानक पूरा नहीं है तो हम नए शिक्षकों की नियुक्ति भी करेंगे।'
बाल वाटिकाओं के लिए बिल्डिंग का इस्तेमाल
सिंह ने बताया कि विलय करने के बाद खाली हुए स्कूल की बिल्डिंग का इस्तेमाल 'बाल वाटिकाओं' के लिए किया जाएगा। प्राइमरी स्कूलों में छह साल की उम्र में ही बच्चे का एडमिशन पहली क्लास कक्षा में करने का नियम पूरे देश में लागू हैं। ऐसे में बच्ची की प्री प्राइमरी शिक्षा की जरूरत को देखते हुए बाल वाटिकाएं खोली जाएंगी।
संदीप सिंह ने स्कूलों के विलय की प्रक्रिया पर सवाल उठा रही समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, 'साल 2017 से पहले प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। इस वजह से दलित परिवार के अभिभावक भी परिषदीय और सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने से कतराते थे।' मंत्री ने आंकड़ा देते हुए बताया कि इस साल भी 27 लाख 53 हजार 394 नये बच्चों का शिक्षण सत्र 2025-26 में नामांकन कराया गया है। हमारी सरकार हर वह कार्य कर रही है जो बच्चों को बेहतर शिक्षा की दिशा में लेकर जाने के लिए उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सहायक होगा।'