अमेरिका ने रविवार को तीसरा सैन्य विमान अमृतसर भेजा। विमान में कुल 112 अप्रवासी भारतीय थे। डिपोर्ट किए गए लोगों में सात बच्चे शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या के लोग हरियाणा से है। निर्वासित 112 लोगों में से 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से हैं।
इससे पहले शनिवार को 117 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर में लैंड हुआ था। सी-17 विमान शनिवार रात करीब 11.35 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। 117 लोगों में से 65 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, तीन उत्तर प्रदेश से, दो-दो महाराष्ट्र और राजस्थान और गोवा से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से थे।
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भारत पहुंचते ही गिरफ्तार हुआ ये शख्स
विमान में सवार तीन निर्वासितों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में जंजीरें बांध दी गई थी। निर्वासितों में पटियाला जिले के राजपुरा के दो युवक भी शामिल थे, जिन्हें अमृतसर में उतरने के बाद पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी संदीप सिंह उर्फ सन्नी और प्रदीप सिंह 2023 में राजपुरा में दर्ज एक हत्या के मामले में फरार चल रहे थे।
पहली उड़ान और हथकड़ी विवाद
बता दें कि 5 फरवरी को भारतीय निर्वासितों का पहला जत्था अमृतसर पहुंचा था। श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले विमान में 104 भारतीय नागरिक सवार थे। उस उड़ान में सवार कई निर्वासितों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर में उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।
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इससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया और विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिका के समक्ष इस मुद्दे को उठाने की मांग की। भारत में व्यापक आक्रोश के बाद, नई दिल्ली ने निर्वासितों के साथ व्यवहार के बारे में वाशिंगटन को अपनी चिंताएं जाहिर की।