उत्तर प्रदेश में शादी रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव किया गया है। अब शादी का रजिस्ट्रेशन वहां नहीं होगा जहां शादी हुई है, बल्कि उस तहसील के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में कराया जाएगा जहां दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता रहते हैं। रजिस्ट्रेशन के वक्त परिवार का कोई एक सदस्य वहां मौजूद रहना जरूरी होगा। अगर किसी कारण से परिवार का कोई सदस्य शादी में नहीं आ पाता है, तो शादी कराने वाले पंडित, मौलवी या पारसी को ऑफिस आकर अपनी गवाही देनी होगी। तभी शादी का रजिस्ट्रेशन होगा। इसके अलावा, शादी का वीडियो एक पेन ड्राइव में लेकर ऑफिस में जमा करना भी जरूरी होगा।
यह भी पढे़ं: उत्तराखंड: हाइवे पर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, बाल-बाल बचे लोग
क्यों बदले गए नियम?
पहले शादी का रजिस्ट्रेशन शादी के स्थान के हिसाब से होता था। इस वजह से कई बार शादी फर्जी तरीके से हो जाती थी, जिससे लोग सवाल उठाते थे। सरकार ने अब यह कदम इसलिए उठाया है ताकि शादी में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके। अब सभी को इस नए नियम को मानना होगा। मीडिया के मुताबिक, होटलजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन ने पदस्थापना और नियुक्ति को लेकर शुक्रवार को नया आदेश जारी किया है। यह नया नियम शनिवार से लागू हो गया है। साथ ही इस मामले में सभी को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: जिसकी हत्या के मामले में 3 साल की सजा मिली, वही जिंदा मिल गया
पंडित का प्रमाण जरूरी
अब नए नियम के बाद परिवार की तरफ से बिना ठीक से शादी किए नामांकन कराना आसान नहीं होगा। अधूरी या आधी-अधूरी शादी के झांसे अब नहीं चलेंगे। शादी का ठोस सबूत और पंडित का प्रमाण भी जरूरी होगा। यह नियम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद बनाए गए हैं, खासकर शनिदेव बनाम यूपी सरकार के केस के तहत।