उत्तराखंड पेपर लीक: 2023 में बना सख्त कानून, 2025 में फिर लीक हुआ पेपर
उत्तराखंड सरकार ने 2023 में पेपर लीक को लेकर एक सख्त कानून बनाया था और दावा किया था कि इसके बाद कोई पेपर लीक नहीं होगा लेकिन एक बार फिर पेपर लीक मुद्दे पर युवा सड़कों पर हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी, Photo Credit: @OfficeofDhami
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर पटवारी लेखपाल ग्राम विकास पंचायत अधिकारी समेत ग्रेजुएट लेवल के कई पदों पर भर्ती के लिए 21 सितंबर को जिस भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था उसमें पेपर लीक के आरोप लग रहे हैं। यह परीक्षा सुबह 11 बजे से शुरू हुई थी लेकिन अब अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं कि सिर्फ 35 मिनट बाद ही परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हो गया। सोमवार 22 सितंबर से ही इस पेपर लीक को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और लगातार देहरादून की सड़कों पर डेरा जमाए बैठे हैं। इस बीच 2023 में बना नकल विरोधी कानून भी चर्चा में है।
उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) कानून 2021 में हुए पेपर लीक के बाद लाया गया था। इस कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, कोचिंग संस्थान पेपर लीक से जुड़ी किसी साजिश में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति प्लान बनाकर परीक्षा करवाने वाली संस्था के साथ कोई साजिश करता है तो आजीवन कारावास की सजा और 10 करोड़ का जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
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जिस आंदोलन के तेवर ऐसे हों, उसे किसी भी सरकार के प्रपंच क्या ही रोक पाएंगे? #UttarakhandPaperLeak कांड के बाद पूरे राज्य में युवाओं-छात्रों-बेरोजगारों के बड़े आँदोलन के सिर उठाने के बाद धामी सरकार बदहवासी में है। देहरादून के परेड ग्राउंड में आंदोलन में आई इस छात्रा को सुना जाए pic.twitter.com/HBYBflZnnl
— Manu Panwar (@manupanwar) September 25, 2025
सख्त कानून के बाद लीक हुआ पेपर?
उत्तराखंड सरकार ने जब यह कानून लागू किया था तो दावा किया था कि उन्होंने इतना सख्त कानून बनाया है कि किसी भी माफिया की पेपर लीक करने की हिम्मत नहीं होगी। सरकार ने यह कानून साल 2021 में हुए पेपर लीक के बाद बनाया था। राज्य के युवाओं को उम्मीद थी कि इस कानून के बाद उन्हें दोबारा पेपर लीक के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा लेकिन युवाओं की यह उम्मीद सिर्फ उम्मीद ही रह गई। एक बार फिर देहरादून की सड़कों पर युवा पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। युवा 'पेपर चोर गद्दी छोड़' जैसे नारे लगाकर सरकार से पेपर रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
युवाओं का कहना है कि सरकार का सख्त कानून 35 मिनट भी नहीं टिक पाया। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी अपने बनाए कानून की तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाया है और पिछले 4 सालों में 100 से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल के पीछे पहुंचाने का काम किया है।
कृष्णा कांत नाम के एक युवक ने कहा, 'उत्तराखंड में एक बार फिर पेपर लीक हो गया। जब से पेपर लीक के खिलाफ बहुत कड़ा कानून आया है, तब से लगता है पेपर लीक की घटनाएं और बढ़ गई हैं। क्या देश में एक साफ सुथरी परीक्षा अब हमारी सरकारों की बस की बात नहीं है।' उत्तराखंड के नाचनी में पेपर लीक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही छात्राभावना बिष्ट ने कहा, 'हर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं, ऐसे में मेहनत करने के बाद भी सफलता मिलने की उम्मीद नहीं है। लगता है ये भर्तियां सिर्फ नेताओं के चहेतों को नौकरी देने के लिए कराई जा रही हैं।'
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#WATCH | Dehradun: On UKSSSC paper issue, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "...I appeal to all the youth that they should decide who are leading their movement, those who are bringing the youth onto the streets to serve their own interests, have no connection… pic.twitter.com/BGyPs826sA
— ANI (@ANI) September 26, 2025
पेपर लीक का मुख्य आरोपी गिरफ्तार
पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस ने मुख्य आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है। हरिद्वार पुलिस ने पेपर लीक के मुख्य आरोपी खालिद मलिक को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है और उससे लगातार पूछताछ जारी है। खालिद की बहन और पेपर सॉल्व करने में मदद करने वाली प्रोफेसर को भी गिरफ्तार कर लिया हया है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। खालिद पर आरोप है कि 21 सितंबर को ग्रेजुशन लेवल परीक्षा के दौरान उसने परीक्षा केंद्र के अंदर से पेपर की फोटो खिंचकर बाहर भेजी थी। उसने जो तीन पेज बाहर अपनी बहन को भेजे थे वह कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।
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"युवाओं को भड़काने के लिए नकल जिहाद शुरू किया जा रहा है। उन सभी नकल माफियाओं और जिहादियों को बता देना चाहता हूं कि जब तक नकल माफिया को मिट्टी में नहीं मिला दिया जाता हम चैन से नहीं बैठेंगे।": माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी। pic.twitter.com/nJ2CliwLhp
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) September 24, 2025
क्या बोले सीएम?
इस पेपर लीक को लेकर सीएम धामी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'कोचिंग सेंटर और नकल माफिया एक होकर राज्य में नकल जिहाद छेडने और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक हमारी सरकार सभी नकल माफियाओं को मिट्टी में नहीं मिला देती तब तक चैन से नहीं बैठेगी।' सीएम धामी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा, 'सभी युवाओं से मैं अपील करता हूं कि आपको तय करना होगा कि आपके आंदोलन को कौन चला रहा है। किन लोगों ने इसका पूरी तरह से राजनीतिकरण कर रहे हैं। हालांकि, इस मामाले की जांच के लिए हमने एसआईटी गठित कर दी है। हम उचित समय पर उचित फैसला लेंगे। हम छात्रों के हित में फैसला लेंगे।'
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