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पश्चिम बंगाल में SIR होने की सूचना मिलते ही 235 अधिकारियों के तबादले, बिफरी BJP

पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को एक झटके में 235 अधिकारियों के तबादले कर दिए। इसमें 10 जिलों के डीएम भी शामिल हैं।

West Bengal SIR

ममता बनर्जी। Photo Credit- PTI

चुनाव आयोग ने सोमवार को देश के 12 राज्यों में भी एसआईआर कराने की घोषणा कर दीएसआईआर के फेज-2 में पश्चिम बंगाल का भी नाम शामिल हैइस खबर के सामने आते ही बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने फौरन 235 अधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के ट्रांसफर कर दिएराज्य सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है

 

बंगाल में हुए इस बड़े घटनाक्रम को लेकर कोलकाता से लेकर दिल्ली तक चर्चा हो रही हैजिन अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है उसमें 10 जिलों के डीएम भी शामिल हैंपश्चिम बंगाल सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा 61 IAS और पश्चिम बंगाल लोक सेवा (WBCS) के 145 अधिकारियों का तबादला किया हैयह हालिया समय में एक बार में हुए सबसे बड़े तबादलों में से एक है

 

यह भी पढ़ें: चुनाव आयोग का एलान, फेज 2 में 12 राज्यों में होगा SIR

बड़े अधिकारियों और 10 DM के तबादले

इस फेरबदल में 10 जिलाधिकारी, विशेष सचिव स्तर के कई अधिकारी, कई विशेष कार्य अधिकारी (OSD), आईएएस और पश्चिम बंगाल लोक सेवाो, दोनों संवर्गों के कई एडीएम और एसडीओ (अनुमंडल पदाधिकारी) शामिल हैंहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक, कोलकाता नगर निगम के नगर आयुक्त और हल्दिया विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी तबादलों की लिस्ट में शामिल हैं

 

जिन जिलाधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है- उनमें उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कूच बिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झारग्राम और पूर्वी मेदिनीपुर जिले शामिल हैंएक अधिकारी ने बताया कि इन अधइकारियों से आगामी एसआईआर कवायद में नोडल भूमिका निभाने की उम्मीद थी और चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रमों की घोषणा के बाद राज्य सरकार के लिए आगे फेरबदल करना असंभव हो जाता

बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की

इस बीच पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की हैबीजेपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एसआईआर की घोषणा के बाद 235 अधिकारियों के तबादलों के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज कराई हैपश्चिम बंगाल बीजेपी ने चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना किए गए इन 'अनियमित तबादलों' को तत्काल रद्द करने की मांग की है

 

 

 

 

यह भी पढ़ें: बठिंडा कोर्ट में पेश हुईं कंगना रनौत, आखिर मामला क्या है?

बीजेपी-टीएमसी में तू-तू मैं-मैं

राज्य में विपक्षी दल बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह कदम ममता बनर्जी प्रशासन द्वारा आगामी एसआईआर प्रक्रिया को विफल करने की एक कोशिश हैवहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अधिसूचनाओं को नियमित बताया है बीजेपी नेता सजल घोष ने आरोप लगाते हुए कहा, 'ममता बनर्जी को लग रहा है कि इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने और मतदाता सूची से बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों के नाम हटाए जाने के बाद उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैंइसलिए, वह आखिरी समय में इतनी बड़ी संख्या में फेरबदल कर इस प्रक्रिया को बाधित करने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं'

 

इस आरोप को खारिज करते हुए, तृणमूल कांग्रेस आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए हथकंडे अपना रही है उन्होंने कहा कि प्रशासन में इस तरह के तबादले साल भर नियमित तौर पर होते रहते हैंकोई कारण नहीं है कि इसके और एसआईआर की घोषणा के बीच कोई संबंध जोड़ा जाएयह केवल विरोध के लिए विरोध है

 

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