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हरियाणा में भूख हड़ताल पर क्यों बैठे छात्र, वीसी पर क्या हैं आरोप?

हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में छात्र क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कई सियासी दल भी छात्रों के समर्थन में है। अब 24 जून को महापंचायत बुलाई गई है।

Students protest in Hisar.

हिसार में छात्रों का धरना। ( Photo Credit: FB/Ravi Azad Bku)

पिछले 14 दिनों से हरियाणा के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय में छात्र धरने पर बैठे हैं। स्कॉलरशिप के मुद्दे पर शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन अब कुलपति को हटाने की मांग तक पहुंच गया है। सरकार छात्रों को मनाने में जुटी है तो वहीं विपक्ष पर विरोध प्रदर्शन को हवा देने का आरोप लगाया है। 10 जून को लाठीचार्ज के बाद मामला अधिक बिगड़ गया। हरियाणा के अन्य कॉलेजों में भी हिसार के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन होने लगे। विश्वविद्यालय के 10 छात्र क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। उधर, हिसार कृषि विश्वविद्यालय के समर्थन में रेवाड़ी के बावल स्थित कृषि महाविद्यालय और कैथल के कौल महाविद्यालय में भी छात्रों ने धरना दिया था।

 

हरियाणा सरकार ने बनाई समिति

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने चार सदस्यीय समिति बनाई। इस समिति ने रविवार को हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की। मगर कोई बात नहीं बनी। छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज को हटाने की मांग पर अड़े हैं। दो दिनों में समिति छात्रों की मांगों पर चार दौर की बात कर चुकी है, लेकिन अभी तक हल नहीं निकल सका है। हरियाणा सरकार ने 2021 में प्रोफेसर बीआर कंबोज को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया था। करनाल के दाहा गांव में जन्मे डॉ. बलदेव राज कंबोज कभी इसी विश्वविद्यालय के छात्र भी थे।

 

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समिति में कौन-कौन?

  • शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा 
  • लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा 
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी 
  • नलवा से विधायक रणधीर पनिहार 

विपक्ष पर सरकार ने क्या आरोप लगाया?

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का कहना है कि कुलपति को हटाने की मांग छात्रों की मुख्य मांग का हिस्सा नहीं थी। उन्होंने हाल ही के दिनों में यह मांग उठाई है। जजपा, कांग्रेस और इनेलो जैसे दलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘जब यह धरना शुरू हुआ तो कुलपति को हटाने की कोई मांग नहीं थी। हम सभी जानते हैं कि यह मांग कहां से आई है।’

कहां से बिगड़ी बात?

कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन छात्रवृत्ति नियमों में बदलाव के विरोध में शुरु हुआ था। 10 जून को कुलपति आवास के बाहर छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया है। इसमें 20 छात्रों को चोट आई। छात्रवृत्ति नीति के मुद्दे पर छात्र कुलपति से मिलने पहुंचे। इसी दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ कथित विवाद हुआ। छात्रों का आरोप है सिक्योरिटी गार्ड ने उन पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि कुछ विद्यार्थियों ने नारेबाजी की और कुलपति के कार्यालय में घुसने की कोशिश की। इसी दौरान गार्डों के साथ हाथापाई भी की।

कुलपति पर छात्रों के क्या आरोप?

छात्रों का आरोप है कि कुलपति के आदेश पर ही लाठीचार्ज किया गया है। छात्रों ने उन पर अधिकारों के दमन का आरोप लगाया। छात्रों का कहना है कि अगर वह पद पर बने रहेंगे तो निष्पक्ष जांच में बाधा पहुंच सकती है। छात्रों ने कुलपति के खिलाफ केस दर्ज करने और गिरफ्तारी मांग की और परीक्षा का बहिष्कार करने का एलान किया।

 

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अब तक क्या एक्शन लिया गया?

छात्रों की शिकायत पर हिसार सिविल लाइन थाने पर मामला दर्ज किया जा चुका है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार समेत असिस्टेंट प्रोफेसर राधेश्याम, सीएसओ सुखबीर व 5 सुरक्षा गार्ड के खिलाफ एफआईआर हुई है। लाठीचार्ज मामले में पुलिस ने प्रोफेसर राधेश्याम को गिरफ्तार किया है। प्रोफेसर पर छात्रों पर लाठियां बरसाने का आरोप है। उधर, विवि प्रशासन ने प्रोफेसर राधेश्याम समेत चार सुरक्षा गार्ड को निलंबित कर दिया है।

 

छात्रों के समर्थन में कौन-कौन सियासी दल?

छात्रों के धरने प्रदर्शन को कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का समर्थन मिला है। 17 जून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने छात्रों को समर्थन दिया और उन्होंने वीडियो कॉल से बात भी की। इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला का कहना है कि छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। दुष्यंत चौटाला ने विवि प्रशासन और सरकार पर छात्रों के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया है। अभय चौटाला और राजस्थान के चूरू से सांसद राहुल कस्वां व पूर्व विधायक राव दान सिंह भी धरनास्थल पर पहुंचे। 

क्या है स्कॉलरशिप विवाद?

छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्कॉलरशिप के मानदंड में बदलाव किया है। अब 75 फीसदी से अधिक नंबर लाने वाले छात्रों को ही स्कॉलरशिप मिलेगी। पहले 70 फीसदी या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती थी।  

24 जून को महापंचायत

हरियाणा सरकार के सामने छात्रों ने कुल आठ मांगों को रखा है। छात्रों का कहना है कि सरकार ने पहली मांग नहीं मानी है। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने साफ कर दिया है कि जब तक कुलपति को हटाया नहीं जाएगा तब तक किसी भी अन्य मांग पर विचार नहीं किया जाएगा। 24 जून को हिसार में महापंचायत का एलान किया गया है। छात्रों को हरियाणा के किसान संगठनों का भी साथ मिल रहा है। माना जा रहा है कि महापंचायत में सियासी, सामाजिक और छात्र संगठन हिस्सा लेंगे।

 

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