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S-400 से लेकर आकाश तक; ये हैं भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत

भारत के पास कई अड्वान्स डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं जो दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। जानते हैं कि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत।

Image of S-400 Triumf Air Defense System

रूस में बना S-400 एयर डिफेंस सिस्टम।(Photo Credit: Wikimedia Commons)

भारत द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पाकिस्तान में जंग जैसी स्थिति बनती जा रही है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना और उनके अड्वान्स डिफेंस सिस्टम दुश्मन को मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं। इसमें भारत के आधुनिक एयर डिफेन्स सिस्टम सीमाओं की सुरक्षा में सबसे कारगर साबित हो रही है। एयर डिफेन्स सिस्टम हवाई खतरे जैसे दुश्मन के लड़ाकू विमान, मिसाइलें, ड्रोन और दूसरे हवाई आक्रमणों से प्रभावी ढंग से निपट सकता है। यह सिस्टम लंबी, मध्यम और छोटी दूरी की मिसाइल सिस्टम्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों और कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क से सुसज्जित है।

भारत की अड्वान्स एयर डिफेन्स सिस्टम्स

S-400 ट्रायम्फ (S-400 Triumf)

निर्माण: रूस

 

क्षमता: 400 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम एक साथ कई टारगेट्स को ट्रैक और नष्ट कर सकती है, जिसमें लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं। भारत ने 2018 में रूस से पांच S-400 रेजिमेंट्स का कान्ट्रैक्ट किया था।

 

यह भी पढ़ें: S-400: हवा में तबाह पाकिस्तानी मिसाइल, देश की इस ढाल की खासियत क्या?

बराक-8 (Barak-8)

निर्माण: भारत-इज़राइल संयुक्त विकास

 

क्षमता: 70-80 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइलें और यूएवी जैसे टारगेट्स के खिलाफ प्रभावी है। यह सिस्टम भारतीय नौसेना और वायु सेना दोनों में उपयोग की जा रही है।

आकाश मिसाइल सिस्टम (Akash Missile System)

निर्माण: भारत

 

क्षमता: 25-30 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है, जो लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर जैसे टारगेट्स के खिलाफ प्रभावी है। आकाश-एनजी (न्यू जनरेशन) वर्जन की परीक्षण प्रक्रिया चल रही है।

स्पाइडर (SPYDER)

निर्माण: इज़राइल

 

क्षमता: 15-50 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट्स जैसे ड्रोन और क्रूज़ मिसाइलों के खिलाफ तेज प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। भारतीय वायु सेना ने इसे पश्चिमी सीमाओं पर तैनात किया है।

क्विक रिस्पॉन्स मिसाइल (QRSAM)

 

निर्माण: भारत

 

क्षमता: 25-30 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम मोबाइल है और युद्ध के मैदान में तेज प्रतिक्रिया देने के लिए डिजाइन की गई है। यह सिस्टम वर्तमान में परीक्षण के चरण में है।

 

प्रथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD)

निर्माण: भारत

 

क्षमता: PAD - 80 किमी ऊंचाई तक; AAD - 30 किमी ऊंचाई तक

 

खासियत: ये दोनों सिस्टम्स भारत के बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जो दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को वायुमंडल के भीतर और बाहर नष्ट करने में सक्षम हैं।

 

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान का ऑपरेशन 'बुनयान-उल-मरसूस' क्या है?

इगला-एस (Igla-S)

निर्माण: रूस

 

क्षमता: 6 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे सैनिक कंधे पर रखकर संचालित कर सकते हैं। यह सिस्टम विशेष रूप से कम ऊँचाई पर उड़ने वाले टारगेट्स के खिलाफ प्रभावी है।

सुदर्शन क्लोज-इन वेपन सिस्टम (Sudarshan CIWS)

निर्माण: भारत

 

क्षमता: 3.5 किमी तक की दूरी पर हवाई टारगेट्स को भेदने में सक्षम

 

खासियत: यह सिस्टम हवाई अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की रक्षा के लिए उपयोग की जाती है। यह सिस्टम 3D AESA रडार से सुसज्जित है और प्रति मिनट 300 राउंड फायर करने में सक्षम है।

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