शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट क्यों है जरूरी? बनवाने का तरीका जानिए
अगर आपने भी शादी कर ली है और अभी तक अपना मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है तो जल्दी बनवा लीजिए। बिना मैरिज सर्टिफिकेट के आगे चलकर आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनवाया जाता है?

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Khabargaon
शादी हर किसी के लिए बेहद ही पवित्र रिश्ता होता है। हिंदू धर्म में तो शादी को सात जन्मों का रिश्ता तक कह दिया जाता है। धर्म कोई भी हो शादी का सभी धर्मों के लिए विशेष महत्व होता है। शादी सिर्फ दो लोगों को नहीं बल्कि दो परिवारों को जोड़ती है। कई सारे लोग शादी तो कर लेते हैं लेकिन शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से आगे चलकर उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर आपने भी शादी कर ली है और अभी तक अपना मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है तो जान लीजिए कि ये सर्टिफिकेट आपके लिए कितना जरूरी है और इसे कैसे बनवाएं?
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मैरिज सर्टिफिकेट क्यों जरूरी होता है?
बता दें कि शादी का रजिस्ट्रेशन हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत किया जाता है। शादी करने के बाद इसे रजिस्टर कराना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कई मामलों में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शादी का रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाता है जो आपकी शादी वेरिफाई करता है। मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए किन दस्तावेजों की होती है जरूरत और क्या होती है इसकी पूरी प्रक्रिया? आइए जानते हैं।
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
▪️ एप्लिकेशन फॉर्म
▪️ निवास प्रमाण पत्र
▪️ जन्म प्रमाण के लिए 10th की मार्कशीट
▪️ कपल का आईडी कार्ड
▪️ आधार कार्ड
▪️ दो-दो पासपोर्ट साइज फोटो
▪️ शादी की जॉइंट फोटो
▪️ शादी का कार्ड
▪️ मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च में शादी करने पर वहां से मिला सर्टिफिकेट
▪️ कोर्ट मैरिज करने पर कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स
▪️ दूसरी शादी के मामले में पहली शादी का तलाक सर्टिफिकेट
▪️ पहले पति की मौत होने पर उसका डेथ सर्टिफिकेट
इन सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ कपल को रजिस्ट्रार के पास जाना होता है, जहां रजिस्ट्रार की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां ग्राम विकास अधिकारी के ऑफिस जाकर आप इन डॉक्यूमेंट्स को जमा करवा सकते हैं।
ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं?
पहले मैरिज सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया ऑफलाइन हुआ करती थी, लेकिन अब यह ऑनलाइन हो गई है, जिससे अब आप घर बैठे भी यह काम कर सकते हैं। अगर आपको अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना है तो आपको अपने राज्य की मैरिज रजिस्टर वेबसाइट (marriage Registration Website) पर जाना होगा।
▪️ यहां आपको मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन नजर आ जाएगा।
▪️ इस पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा, वहां आपको मैरिज सर्टिफिकेट के लिए एक एप्लीकेशन फॉर्म नजर आएगा। उसे भरने के बाद आपको इससे संबंधित डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना होगा।
▪️ इसके बाद आखिर में सबमिट पर क्लिक कर दें।
▪️ अपॉइंटमेंट मिलने पर तय दिन पर दो गवाहों और डॉक्यूमेंट्स के साथ ऑफिस विजिट होगा। ये पूरी प्रक्रिया होने के कुछ ही दिनों में आपको मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
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कब तक बनवा सकते हैं मैरिज सर्टिफिकेट?
अगर आपकी नई-नई शादी हुई है तो 30 दिन के अंदर ही मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर देना चाहिए। अगर किसी वजह से लेट हो गए हैं तो एक्स्ट्रा फीस के साथ शादी के पांच साल तक भी शादी रजिस्टर करवाई जा सकती है। बता दें कि शादी को 5 साल से ज्यादा होने पर संबंधित जिला रजिस्ट्रार ही इसमें छूट दे सकता है।
कुछ राज्यों में मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य
बता दें कि कुछ राज्यों में शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है। सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। जो ऐसा नहीं करेगा, उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश के अलावा वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, पंजाब, मेघायलय, तमिलनाडु, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखंड में विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को लेकर कानून बन चुका है।
क्यों जरूरी है मैरिज सर्टिफिकेट?
▪️ अगर आप किसी फॉर्म में मैरिटल स्टेटस में मैरिड ऑप्शन चुन रहे हैं तो शादी का प्रूफ दिखाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट चाहिए होता है। मैरिज सर्टिफिकेट सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही संस्थानों के लिए जरूरी होता है।
▪️ अगर आप केंद्र या राज्य सरकार की किसी ऐसी स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं जो पति-पत्नी के लिए है तो इसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट का होना आवश्यक है।
▪️ पति की मौत के बाद विधवा महिलाओं को सरकारी योजनाओं का फायदा मैरिज सर्टिफिकेट के आधार पर ही मिलता है।
▪️ तलाक लेने के लिए भी आपके पास शादी का प्रमाण यानी मैरिज सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
▪️ पति या पत्नी के खिलाफ घरेलू मामलों से जुड़ी FIR करने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होता है।
▪️ पति पत्नी बैंक में जॉइंट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो मैरिज सर्टिफिकेट को प्रूफ के तौर पर दिखाया जा सकता है।
▪️ अगर किसी दूसरे देश के परमानेंट नागरिक बनना चाहते हैं तो इसके लिए भी पति-पत्नी को अपना मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होता है।
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शादी रजिस्टर करने की उम्र
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जरूरी है कि शादी की तारीख तक महिला की उम्र कम से कम 18 साल और पुरुष की उम्र कम से कम 21 साल होना जरूरी है।
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