देश की राजधानी दिल्ली में 9 सितंबर को शोरूम से नई कार निकालते हुए उसका एक्सीडेंट हो गया। एक महिला अपनी नई कार को शो रूम से बाहर निकाल रही थी इस दौरान उसका कंट्रोल खो गया और गाड़ी पहली मंजिल से नीचे गिर गई। महिला ने कुछ मिनटों पहले ही यह थार 27 लाख रुपये में खरीदी थी और खरीदते ही कार दुर्घटना का शिकार हो गई। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। इस बीच एक सवाल लोगों के मन में आ रहा है कि क्या इस कार का बीमा क्लेम कंपनी देगी या नहीं।
दुर्घटना के बाद कार के मालिक को बीमा कवर मिलेगा या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या दुर्घटना से पहले कार का बीमा करवाया गया था या नहीं। यह दुर्घटना उस समय हुई है जब महिला अपनी कार की डिलीवरी लेने शोरूम पहुंची थी। शोरूम पहुंचने के बाद महिला ने कार की पूजा करवाई और उसके बाद वह नींबू पर कार का टायर चढ़ाने लगी। इस दौरान महिला का कंट्रोल गाड़ी से खो गया और गाड़ी पहली मंजिल से नीचे गिर गई। गाड़ी में एयर बैग खुल गए थे जिसके चलते महिला की जान बच गई लेकिन कार पूरी तरह से डैमेज हो गई थी। जानकारों का मानना है कि इस केस में महिला को बीमा की रकम मिल सकती है।
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मिल सकता है बीमा का फायदा
नई कार की डिलीवरी से पहले ही किसी भी गाड़ी का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होता है। यह खर्च ग्राहक को ही उठाना पड़ता है। शोरूम जैसे ही कागजी कार्रवाई पूरी करके कार की चाबी ग्राहक को देता है बीमा उसी समय सक्रिय हो जाता है। इस केस में नियमों के अनुसार, महिला को बीमा कवरेज मिल सकता है क्योंकि जैसे ही कार की चाबी महिला के हाथ में आई थी उसी समय बीमा सक्रिय हो गया था।
बीमा कंपनी कराएगी जांच
बीमा कंपनी बीमा कवरेज मंजूर करने से पहले इस घटना की जांच करवाएगी। जांच के बाद बीमा कंपनी बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार, क्लेम का भुगतान करेगी। ऐसे मामलों में कंपनी रिपेयर का खर्च उठाती है लेकिन ग्राहक को कुछ डिफालट हिस्सा खुद भरना पड़ सकता है।
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क्लेम का प्रोसेस?
बीमा कलेम करने के लिए कार दुर्घटना का शिकार हो गई है इस बात की जानकारी दुर्घटना के तुरंत बाद बीमा कंपनी को देनी होगी। यह काम ऑनलाइन पोर्टल पर या फिर फोन के जरिए किया जा सकता है। अगर दुर्घटना में कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो तो FIR दर्ज करवाकर उसकी एक कॉपी भी बीमा कंपनी को भेजें।
इसके बाद कंपनी अपने कर्मचारी (सर्वेयर) को नुकसान का आकलन करने के लिए भेजेगी। इस समय आपको बीमा पॉलिसी और गाड़ी के दस्तावेज जमा करवाने होंगे। इसके बाद बीमा कंपनी आपके क्लेम को मंजूरी देगी और आपको क्लेम सेटलमेंट राशि बताएगी। इसके बाद कंपनी आपको हुए नुकसान का भुगतान करेगी।