स्मार्टफोन और एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन आज के डिजिटल युग में हर किसी की जरूरत बन गया है। आजकल सुबह से शाम तक हम लोग कई काम मोबाइल फोन की मदद से करते हैं फिर चाहे वह खाना ऑर्डर करना हो या फिर बिल जमा करना, हर काम मोबाइल फोन से हो जाता है। इस डिजिटल युग में अपराधियों ने लोगों को शिकार बनाने के डिजिटल तरीके निकाल लिए हैं। हर रोज किसी ना किसी नए तरीके से ठग ऑनलाइन ठगी कर लेते हैं। ठगी का एक नया तरीका मुंबई से सामने आया है, जिसने हर किसी को डरा दिया है। इसमें मोबाइल हॉटस्पॉट के जरिए ही आपकी सारी डिटेल्स चोरी कर ली जाती हैं। इस स्कैम को 'हॉटस्पॉट स्कैम' बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला ने बताया कि किस तरह से मोबाइल हॉटस्पॉट शेयर करने से आपकी डिटेल्स चोरी की जा सकती हैं। वायरल वीडियो में एक 35 साल की महिला ने अपने साथ हुए स्कैम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वह 50 साल की एक महिला से मेट्रो स्टेशन पर मिलीं, जिसने उनसे कहा कि उन्होंने मेट्रो टिकट ले लिया है लेकिन नेटवर्क कम होने के कारण वह उसे डाउनलोड नहीं कर पा रही।
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मोबाइल हॉटस्पॉट के जरिए स्कैम
वीडियो में महिला ने बताया कि जो महिला उसे मेट्रो स्टेशन पर मिली थी उसने उससे मदद मांगी और कहा कि वह उसे मोबाइल हॉटस्पॉट दे दे। महिला की मदद करने के लिए उसने मोबाइल हॉटस्पॉट का पासवर्ड उस महिला के साथ शेयर कर दिया और यह उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। मेट्रो स्टेशन के अंदर जाते ही दोनों अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर चली गई। कुछ ही देर में उस महिला को स्कैम के बारे में पता चल गया। जब उसने मोबाइल हॉटस्पॉट बंद किया तो उसे मैसेज आने लगे कि आधार ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) की कोशिश असफल रही। महिला को समझ आ गया था कि वह साइबर क्राइम का शिकार हो गई थी।
महिला ने तुरंत की शिकायत
साइबर क्राइम ट्रैप में फंसने के बाद महिला ने तुरंत ई-मेल के जरिए इसकी सूचना अधिकारियों को दी। वीडियो में महिला ने बताया कि उसने इससे पहले कभी भी मोबाइल हॉटस्पॉट स्कैम के बारे में नहीं सुना था। इस घटना के तुरंत बाद उसने अपने ऑनलाइन बैंकिंग का पासवर्ड बदल दिया ताकि उसे कोई नुकसान ना हो पाए। महिला ने बताया कि इस घटना के बाद उसने ऑनलाइन सर्च किया तो उसे पता चला कि मोबाइल हॉटस्पॉट से साइबर क्राइम का शिकार बन सकते हैं।
मोबाइल हॉटस्पॉट से साइबर क्राइम कैसे होता है?
हॉटस्पॉट शेयर करने से आपका डेटा चोरी होता है, जब आप अपना मोबाइल हॉटस्पॉट किसी अजनबी या अनजान व्यक्ति के साथ शेयर करते हैं तो कनेक्टेड डिवाइस आपके नेटवर्क पर ट्रैफिक को इंटरसेप्ट कर सकता है यानी चुरा सकता है। हैकर्स पैकेट स्निफिंग टूल्स का इस्तेमाल करके आपके डेटा को देख सकते हैं। इसके जरिए बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड, या पर्सनल जानकारी हैकरस् को मिल सकती है। पब्लिक या शेयर्ड हॉटस्पॉट पर अनएन्क्रिप्टेड डेटा यानी टेक्सट फॉर्मेट में मौजूद डेटा आसानी से चोरी हो सकता है, जिससे फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट या फाइनेंशियल फ्रॉड होता है।
इसके अलावा अपराधी हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करके क्राइम भी कर सकते हैं ताकि वे इंटरनेट ट्रेसिंग से बच सकें। साइबर क्रिमिनल्स किसी का हॉटस्पॉट इस्तेमाल करके ऑनलाइन फ्रॉड, हैकिंग या गैर कानूनी काम करते हैं ताकि उनका अपना IP एड्रेस या लोकेशन ट्रेस न हो सके। जब पुलिस जांच करती है तो ट्रेसिंग हॉटस्पॉट ओनर तक पहुंच जाती है, जिससे निर्दोष व्यक्ति मुश्किल में पड़ सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में मालिक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता अगर वे जानबूझकर शामिल न हों लेकिन जांच में परेशानी हो सकती है। कई मामलों में आपको पुलिस स्टेशन के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं।
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ऐसे करें बचाव
- हॉटस्पॉट कभी अजनबियों से शेयर न करें। हमेशा यूनिक पासवर्ड लगाएं।
- पब्लिक Wi-Fi या शेयर्ड हॉटस्पॉट पर बैंकिंग, शॉपिंग जैसे काम न करें।
- VPN इस्तेमाल करें क्योंकि यह डेटा को एनक्रिप्ट करता है, जिससे चोरी मुश्किल हो जाती है।
- डिवाइस को अपडेट रखें और किसी भी अनजान डिवाइस कनेक्ट न होने दें।
- अगर स्कैम का शक हो, तो तुरंत cybercrime.gov.in पर शिकायत करें या 1930 डायल करें