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राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास सैकड़ों भेड़ों की मौत का दावा, वायरल हो रहे वीडियो

सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' के पास से सड़ा खाना खाने से भोड़ों की मौत हो गई है।

Rastra Prerna Sthal sheep

भेड़ों के मरने का दावा। Photo Credit- Social Media

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के दिन यानी 25 दिसंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया। राष्ट्र प्रेरणा स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोग जुटे थे, जिनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया था।

 

मगर, सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राष्ट्र प्रेरणा स्थल उद्घाटन के कार्यक्रम में फेंका गया खाना खाने से 100 से ज्यादा भेड़ों की मौत हो गई है। साथ ही दर्जनों भेड़ों की हालत नाजुक है। इसमें यह भी दावा किया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में लोगों के खाने के बाद जो खाना बच गया था, उसे पास ही एक जगह पर फेंक दिया गया, जिसे भेड़ों ने खा लिया था।

 

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बासी और सड़ा खाना खाने से मौत?

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के मुताबिक, भेड़ों ने बासी और सड़ा खाना खा लिया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। थोड़ी ही देर में वे चिल्लाने लगीं। धीरे-धीरे कर बेहोश होती गईं। इसमें से 100 से ज्यादा की मौत हो गई, जबकि दर्जनों की तबियत बिगड़ी हुई है।

 

 

 

 

 

पूरे इलाके में भेड़ों की मौत का शोर है। पुलिस खबर पाकर मौके पर पहुंची। पुलिस ने पशुओं के सरकारी डॉक्टरों को बुलावा भेजा, जो भेड़ों का इलाज कर रहे हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि इन भेड़ों की मौत फूड प्वाइजनिंग की वजह से हुई है।

 

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फूड पॉइजनिंग का केस

पशु डॉक्टरों का भी मानना है कि यह फूड पॉइजनिंग का केस लग रहा है। एक हिंदी अखबार ने डॉक्टरों के हवाले से बताया है कि सड़ा खाना अधिक खाने की वजह से भेड़ों का पेट फूलता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। इसी से मौत भी हो जाती है।

 

इधर भेड़ों के चरवाहा मालिकों का रो-रोकर बुरा हाल है। भेड़ों के मरने से उनकी जीवन की कमाई चली गई है। अब उन्हें परिवार पालने के लिए भविष्य की चिंता सता रही है। हालांकि, अभी तक राज्य सरकार और प्रशासन की तरफ से चरवाहों को किसी भी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है।

 


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