मुफ्ती शमाइल नदवी इन दिनों सुर्खियों में हैं। गीतकार और लेखक जावेद अख्तर के साथ डिबेट के बाद चर्चा में आए मुफ्ती शामइल नदवी के समर्थक उन्हें इस्लाम का नया चेहरा बता रहे हैं। अब उन्होंने कुछ ऐसा कहा है कि जिस पर हंगामा बरप गया है। हिंदूवादी संगठनों ने उनके बयान पर चिंता जाहिर की है। मुफ्ती शमाइल नदवी ने कहा है कि जो लोग देश को धर्म से बड़ा बताते हैं, उनका नजरिया गलत है। इस देश में लोगों ने गलत नजरिए से ही काम किया है।
मुफ्ती शमाइल नदवी ने कहा कि धर्म कहता है कि धर्म, देश से ज्यादा जरूरी और बड़ा है। धर्मनिरपेक्ष सरकार को हम लोग अपने दीन से ज्यादा बड़ा मान लेते हैं लेकिन यह ठीक नहीं है। अगर सरकार शरीयत के खिलाफ फैसला देती है तो क्या मानना चाहिए। लोग उनके इस सवाल के जवाब में नहीं कहते हैं। मुफ्ती शमाइल नदवी ने 'Does God Exist' विषय पर जावेद अख्तर के साथ बहस की थी, तब से वह लगातार इस्लामिक विषयों पर बोल सकते हैं।
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मुफ्ती शमाइल नदवी ने अब क्या कह दिया है?
मुफ्ती शमाइल नदवी, वायरल वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, 'याद रखें, अगर हम चाहते हैं कि हमारे मौजूदा हालात सही हो जाएं तो हालात का हल किसी सियासी पार्टी के पास नहीं है। हालात का हल दीन में है। हालात का हल, दीन की बात मानने में है। हालात का हल सुन्नत में है। याद रखें, इस मुल्क में हमारा नजरिया गलत रहा। हमने गलत नजरिया अख्तियार किया। हम यह कहते-फिरते रहे हमारा वतन, हमारे दीन से ज्यादा मुकद्दस है, हमने यह माना कि सेक्युलर सरकार हमारे निजाम से ज्यादा मुकाम है। हम कुफ्रिया अल्फाज कहते रहे। हम ऐसी बातें कहते रहे कि सरकार जो फैसला देगी, हम उसे स्वीकार कर लेंगे। अगर दरबार शरीयत के खिलाफ हुक्म दे तो क्या तुम तसलीम करोगे?'
मुफ्ती शमाइल नदवी:-
याद रखना कि किसी भी मोमिन औरत और मर्द के लिए यह जायज नहीं है कि अल्लाह ने कोई फैसला कर दिया तो अल्लाह को छोड़कर, गैर अल्लाह को हुकुम बनएं। जायज नहीं है कि अल्लाह के फैसले को छोड़कर अपने मनपसंद ख्वाहिशों पर भरोसा करें, उन्हें पूरा करें।'
मुफ्ती शमाइल नदवी के विवादित बयान कौन से रहे हैं?
मुफ्ती शमाइल नदवी:-
आपको यह दिमाग में बैठा लेना चहिए, दीन-ए-इस्लाम वह दीन है, जो वाहिद है, इसके अलावा जितने धर्म और विचार दुनिया में मौजूद हैं, इस्लाम के अलावा, वे सब गलत हैं। कोई भी शख्स उस वक्त तक काबिल नहीं हो सकता है, जब तक वह दीन-ए-इस्लाम में दाखिल न हो जाए।
यही नहीं, ईश्वर के अस्तित्व वाली बहस में शामाइल नदवी ने कहा था, 'अगर इस दुनिया में बुराई न हो तब आप खुदा को डिफाइन कैसे करेंगे। अगर जुल्म न हो तो इंसाफ को समझेंगे कैसे।'
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शमाइल नदवी यह भी कह चुके हैं कि दुनिया में जुल्म और गम ईश्वर की नहीं बल्कि इंसान की 'फ्री विल' और गलतियों का नतीजा हैं। खुदा बुराई की इजाजत देता है, लेकिन वह खुद बुरा नहीं है। जुल्म होना इस बात का सबूत नहीं कि खुदा नहीं है, बल्कि यह इंसान की परीक्षा है कि वह जुल्म के सामने क्या करता है।
मुफ्ती शमाइल नदवी कौन हैं?
मुफ्ती शमाइल का पूरा नाम शमाइल अहमद अब्दुल्लाह नदवी है। वह इस्लामिक स्कॉलर हैं, सोशल मीडिया पर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। उन्होंने दारुल उलूम नदवतुल उलेमा, लखनऊ से पढ़ाई की है। यहीं उन्होंने इस्लाम की डिग्रियां हासिल कीं, ग्रेजुएशन पूरा किया। उसके बाद तफ्सीर और उलूमुल कुरान में आगे की पढ़ाई की। वह मुफ्ती हैं। इस्लामिक शिक्षा में इसे 'तदरीब अलल इफ्ता' कहते हैं।
साल 2021 में उन्होंने मारकज अल-वाहियान नाम का एक ऑनलाइन इस्लामी संस्थान शुरू किया। यह दुनिया भर के छात्रों को इस्लामी तालीम देता है। साल 2024 में उन्होंने वाहियान फाउंडेशन बनाया। यह एक चैरिटी ट्रस्ट है। यह शिक्षा और लोगों की मदद का काम करता है।
मुफ्ती शमाइल सोशल मीडिया पर बहुत मशहूर हैं। वह इस्लाम के अलावा दूसरे मजहबों की आलोचना करते हैं, सिर्फ इस्लाम को ही धर्म बताते हैं। वह कहते हैं दुनिया में सिर्फ इस्लाम ही ऐसा धर्म है, जो जिंदगी जीने का सही तरीका बताता है। वह पश्चिमी संस्कृति के धुर आलोचक हैं। वह पूरी दुनिया के इस्लाम को एक करने की बात कहते हैं। ज्यादातर बातें उनकी विवादित होती हैं।