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WIFE की फुल फॉर्म बताकर विवादों में क्यों आए रामभद्राचार्य?

कथावाचक रामभद्राचार्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने पत्नी और वाइफ शब्द के अर्थ का अंतर समझाते हुए विवाद खड़ा कर दिया।

Rambhadracharya

रामभद्राचार्य, Photo Credit- Social Media

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रामकथा वाचक रामभद्राचार्य एक बार फिर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने पत्नी के लिए इस्तेमाल होने वाले अंग्रेजी शब्द ‘वाइफ’ का अर्थ समझाते हुए विवाद खड़ा कर दिया। वह लोगों को ‘पत्नी’ और ‘वाइफ’ शब्दों के बीच अंतर बता रहे थे। यह वीडियो कब का है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले भी वे महिलाओं को ‘बेबी’ या ‘बीवी’ कहे जाने पर टिप्पणी कर चुके हैं।

 

रामभद्राचार्य कई बार इस तरह के बयान देते नजर आते रहते हैं। इसके पहले भी इस्लाम धर्म में महिलाओं की स्थिति पर टिप्पणी किया था। उन्होंने कहा, 'इस्लाम धर्म में महिलाओं की दुर्गति होती है। एक महिला को 25-25 बच्चे पैदा करना पड़ता है।'

 

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'WIFE' का मतलब

रामभद्राचार्य ने कहा, 'वाइफ कितनी खतरनाक होती है। वाइफ शब्द का पहला अक्षर आप देख ही रहे हैं, अंग्रेजों ने W का अर्थ किया Wonderful, I का Instrument, F का For, और E का Enjoy बताया। मतलब वाइफ, आनंद के लिए एक आश्चर्यजनक खिलौना होती है'

 

आगे उन्होंने हिंदू धर्म में पत्नी कहे जाने पर कहा, 'पत्नी का अर्थ है जो यज्ञ में अपने पति का साथ दें। हमारे यहां पत्नी हनीमून मनाने के लिए नहीं रहती। हमारे यहां तो मून निरंतर हनी रहता है।'

 

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इस्लाम धर्म पर कसा तंज

रामभद्राचार्य ने कुछ महीने पहले इस्लाम धर्म पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, 'इस्लाम में महिलाओं की स्थिति खराब है। इसमें महिलाओं की दुर्गति होती है। एक महिला से 25-25 बच्चे पैदा करने और फिर तीन बार तलाक-तलाक देकर छोड़ने जैसी बातें वहां देखने को मिलती है।' उन्होंने दावा किया कि हिंदू परंपरा में ऐसा नहीं है और यहां मां को पिता से भी बड़ा दर्जा दिया जाता है।

महिला आरक्षण पर बयान

रामभद्राचार्य ने संसद में महिलाओं को दिए गए 33 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा अधिकार मिलने चाहिए। उनका कहना था कि समाज में महिलाओं को ऊंचा दर्जा देने की परंपरा हिंदू धर्म से ही शुरू हुई है।

 

ऐसा पहली बार नहीं है कि रामभद्राचार्य अपने बयानों से चर्चा में आए हों। इसके पहले भी अयोध्या में धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम में न बुलाए जाने के कारण अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हमारी बहुत उपेक्षा हो रही है।

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