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कान में दर्द या खुजली के लक्षण को न करें इग्नोर, हो सकती है यह बीमारी

कान में दर्द और खुजली होने के लक्षण को आम बात समझने की गलती न करें। कई बार यह लक्षण ऑटोमायकॉसिस नाम की बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है। आइए इस बीमारी के बारे में जानते हैं।

Otomycosis

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: freepik

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ऑटोमायकॉसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो कान के बाहरी हिस्से पर असर डालता है। यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा प्रभाव करती है जो गर्म इलाकों में रहते हैं। यह समस्या अक्सर उन लोगों को भी ज्यादा होती है जो तैराकी करते हैं या डायबिटीज से पीड़ित हैं।

 

इसके अलावा कान में ज्यादा वैक्स जमने की वजह से भी इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में कान के आस-पास काफी खुजली होती है और मरीज को कान में काफी दर्द होता है। कान में फोड़ा होने का मतलब है कि स्थिति बेहद खराब हो गई है और उस वजह से बहुत ज्यादा दर्द होता है। अगर सही समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो स्थिति गंभीर हो सकती हैं।

 

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ऑटोमायकॉसिस के लक्षण

  • दर्द
  • खुजली
  • सूजन
  • रेडनेस
  • स्किन ड्राइनेस
  • कान में कुछ भरा हुआ महसूस होना
  • कान से तरल पदार्थ निकलना
  • सुनने में दिक्कत होना

कान से तरल पदार्थ निकलना बहुत ही आम लक्षण है और यह अलग-अलग रंगों का होता है।

कान में संक्रमण होने का कारण

इस बीमारी के पीछे लगभग 60 तरह- तरह के फंगस जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें Aspergillus और Candida जैसे फंगस सबसे आम हैं। कभी कभी बैक्टीरिया भी फंगस के साथ मिलकर इंफेक्शन को बढ़ा सकते हैं।

 

 

इसके अलावा जो लोग गंदे पानी में तैरते हैं उन्हें सबसे ज्यादा खतरा रहता है। यहां तक की साफ पानी में तैरना या सर्फिंग करने से भी रिस्क बढ़ जाता है। उन लोगों को भी कान में संक्रमण होने के खतरा ज्यादा रहता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। अगर आपके कान में दर्द या कान से तरल पदार्थ बह रहा है या दोनों लक्षण दिख रहे हो तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। डॉक्टर ऑटोस्कोप की मदद से कान के ईयरड्रम और ईयर कैनल की जांच करेगा और उसके बाद इलाज करेगा।

 

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ऑटोमायकॉसिस का इलाज

सफाई करना- डॉक्टर कान को साफ करेगा ताकि गंदगी निकल जाए। आप खुद से कान को साफ करने की गलती न करें। कान के अंदर किसी भी तरह की नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें।

 

ईयर ड्रॉप और दवाइयां- ऑटोमायकॉसिस के इलाज के लिए डॉक्टर एंटी फंगल ईयर ड्रॉप देते हैं। कुछ फंगल इंफेक्शन सिर्फ ईयर ड्रॉप से ठीक नहीं होते हैं तो उन्हें दवाइयां भी दी जाती है।

कैस बच सकते हैं?

  • तैराकी या सर्फिंग करते समय कान के अंदर पानी जाने से बचाएं।
  • नहाते समय ध्यान रखें कि कानों में पानी न जाएं।
  • कान में कॉटन स्वैब का इस्तेमाल न करें।
  • कान के अंदर किसी भी नुकीली चीजें से खुर्चने की कोशिश न करें।
  • अगर कान के अंदर पानी चला गया है तो डॉक्टर से पूछकर ईयर ड्रॉप लें।

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।

 

 

 
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