अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के कारण दुनियाभर में कारोबार पर असर पड़ रहा है। ट्रंप ने अमेरिका आने वाले भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इसके बाद से भारतीय एक्सपोर्ट पर बड़ा असर पड़ रहा है।
इस बीच भारत और यूरोपियन यूनियन (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर सोमवार को 13वें राउंड की बातचीत होगी। दोनों ही जल्द से जल्द FTA करना चाहता है। इसे लेकर दोनों के बीच अगले 6 महीनों में 10 बड़ी मीटिंग होने वाली है।
यूरोपियन यूनियन 17 सितंबर को एक रोडमैप जारी करेगा। इसमें बताया जाएगा कि वह भारत को क्या 'ऑफर' कर सकता है? यह रोडमैप EU के सभी 27 सदस्य देशों से साझा किया जाएगा।
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इंडिया-EU में क्या होने वाला है?
8 सितंबर से 13वें राउंड की बातचीत शुरू होगी। यह बातचीत नई दिल्ली में होगी। इसमें EU के ट्रेड कमिश्नर मार्कोस सेफकोविक और एग्रीकल्चर कमिश्नर क्रिस्टोफर हेंसेन होंगे। भारत की तरफ से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल होंगे।
6 महीने में होगी 10 मीटिंग
FTA को लेकर भारत और EU के बीच 6 महीनों में 10 अहम बैठकें होने वाली हैं। 8 सितंबर को दिल्ली में 13वें राउंड की बातचीत होगी। इसके बाद अगले महीने ब्रूसेल्स में 14वें राउंड की बातचीत होनी है। यह बातचीत 8 अक्टूबर को हो सकती है।
इससे पहले EU की पॉलिटिकल और सिक्योरिटी कमेटी (PSC) भी दिल्ली में होगी। इस कमेटी में EU के सभी 27 सदस्य देशों के राजदूत शामिल हैं। ट्रेड और टेक्नोलॉजी को लेकर भी भारत और EU के बीच मंत्री स्तर की बातचीत ब्रूसेल्स में होनी है। इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है।
इसके बाद अक्टूबर के आखिरी में कारोबार पर बनी यूरोपियन संसद की समिति भी भारत का दौरा करेगी। इस समिति में 7-8 सदस्य होते हैं।
20-21 नवंबर को ब्रूसेल्स में इंडो-पैसिफिक फोरम होना है। इसमें विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर शामिल हो सकते हैं। नवंबर के ही आखिरी हफ्ते में फॉरेन और सिक्योरिटी पॉलिसी ग्रुप की भी एक मीटिंग होनी है। यह मीटिंग भी ब्रूसेल्स में होगी।
इसके बाद नवंबर या दिसंबर में नई दिल्ली में दोनों के बीच एक रिव्यू मीटिंग भी होगी। बताया जा रहा है कि दिसंबर या जनवरी में EU के उपाध्यक्ष कजा कलास भारत आ सकते हैं। इसके बाद जनवरी या फरवरी 2026 में इंडिया-EU समिट भी होनी है।
FTA को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?
भारत और EU के बीच FTA को लेकर कई सालों से बातचीत चल रही है। इसे लेकर दोनों के बीच 2007 में बात शुरू हुई थी। हालांकि, 15 दौर की बातचीत के बाद 2013 में यह रुक गई थी, क्योंकि दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी।
8 मई 2021 को दोनों एक बार फिर से FTA पर बातचीत करने के लिए राजी हुए। जुलाई 2022 में दोनों के बीच पहले राउंड की बातचीत हुई थी। तीन साल में दोनों के बीच बातचीत में तेजी आई है, क्योंकि वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास में जंग और मध्य पूर्व में जारी संघर्ष ने दोनों को FTA पर बात करने में तेजी लाने के लिए मजबूर किया है।
भारत और EU के बीच जो FTA होने वाला है, उसमें कुल 23 चैप्टर हैं। इनमें से 11 पर दोनों की सहमति बन गई है। दोनों के बीच जिन बातों पर सहमति बनी है, उनमें नॉन-टैरिफ बैरियर, मार्केट एक्सेस और खरीद से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
पिछले हफ्ते ही 4 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपियन कमिशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष एंटोनिया कोस्टा ने फोन पर बात की थी। इस दौरान FTA, IMEEC कॉरिडोर और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा हुई थी।
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कब तक होगी डील फाइनल?
अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, तब से टैरिफ वॉर छिड़ा हुआ है। भारत पर भी ट्रंप ने 50% टैरिफ बढ़ा दिया है। इस कारण अब भारत और EU के बीच FTA को लेकर बातचीत और तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो इस साल दिसंबर तक दोनों के बीच FTA पर सहमति बन जाएगी।
क्या होता है FTA?
FTA असल में यह एक समझौता होता है, जिसे दो देश एक-दूसरे के बीच कारोबार को आसान बनाने के लिए करते हैं। इस समझौते के तहत, दोनों देश एक-दूसरे के प्रोडक्ट्स पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी, टैरिफ या टैक्स को कम करते हैं या खत्म करते हैं। भारत और यूके के बीच FTA को लेकर तीन साल से बात चल रही थी।
भारत और EU के बीच अगर FTA होता है तो इससे दोनों के बीच कारोबार बढ़ने में मदद मिलेगी। EU भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है। दोनों के बीच 2023-24 में 135 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था।