क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाने जा रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि जब व्हाइट हाउस में उनसे पूछा गया कि क्या यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए जाएंगे? इसका जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा- 'हां, मैं तैयार हूं'।
ट्रंप ने इसके आगे तो कुछ और नहीं कहा लेकिन उनकी इस बात से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका, रूस और भारत जैसे तेल खरीदारों पर और ज्यादा टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। ट्रंप पहले ही भारतीय इम्पोर्ट पर 50% टैरिफ लगा चुके हैं।
ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कुछ घंटों पहले ही वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि रूस की अर्थव्यवस्था को चरमरा देना चाहिए, ताकि पुतिन यूक्रेन से बात करने को मजबूर हो जाएं।
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स्कॉट बेसेंट ने क्या कहा था?
ट्रंप से पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए, ताकि रूसी अर्थव्यवस्था चरमरा जाए।
बेसेंट ने तर्क दिया था कि सिर्फ चरमराती अर्थव्यवस्था ही पुतिन को यूक्रेन के साथ बातचीत करने के लिए मजबूर कर सकती है।
बेसेंट ने NBC न्यूज से कहा था, 'अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और प्रतिबंध लगा सकते हैं। और ज्यादा सेकेंडरी टैरिफ लगा सकते हैं तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी और इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन को बातचीत के लिए आना पड़ेगा।'
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अलास्का में बातचीत के बाद भी नहीं बनी बात
अलास्का में पिछले महीने 15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात हुई थी। यूक्रेन जंग के बाद ट्रंप और पुतिन की यह पहली मुलाकात थी। हालांकि, तीन घंटे से ज्यादा वक्त तक चली इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला था।
बताया गया था कि पुतिन ने सीजफायर को लेकर शर्त रखी थी कि अगर यूक्रेन डोनबास सौंप देता है तो जंग रोक दी जाएगी।
पुतिन से बातचीत के तीन दिन बाद 18 अगस्त को व्हाइट में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ भी ट्रंप और यूरोपीय नेताओं ने मीटिंग की थी। इस दौरान ट्रंप ने पुतिन से फोन पर बात भी की थी। ट्रंप ने कहा था कि वह पुतिन और जेलेंस्की के बीच फेस-टू-फेस मीटिंग करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, इसके बावजूद जंग थमना तो दूर, बल्कि और बढ़ गई है। यूक्रेन में रूस के हमले और तेज हो गए हैं।