बिहार का शेखपुरा जिला 31 जुलाई 1994 को अस्तित्व में आया था। इसे मुंगेर से अलग कर बनाया था। शेखपुरा के इतिहास के बारे में कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, इसका संबंध महाभारत काल से भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत काल में हिंडा नाम के राक्षस की बेटी हिडिंबा यहीं पहाड़ियों में रहती थी। हिडिंबा से पांडु पुत्र भीम ने शादी की थी। दोनों का एक पुत्र था, जिसका नाम घटोत्कच रखा गया था। इस पहाड़ी को बाद में 'गिरिंदा' कहा जाता था। गिरिहिन्दा गांव अभी भी वहां पर स्थित है।
ऐसा भी माना जाता है कि लगभग 600 साल पहले एक सूफी संत हजरत मखदम शाह शोब रहमतुल्ला अलेह ने शेखपुरा शहर की स्थापना की थी। उन्होंने यहां के घने जंगलों को साफ करवाया और बस गए। इसके बाद यहां और भी आबादी बसने लगी।
पल्लव शासन के दौरान शेखपुरा मुख्य प्रशासनिक केंद्रों में से एक था। ऐसा माना जाता है कि अफगान शासक शेरशाह सूरी ने यहां 'दल कुआं' का निर्माण करवाया था। आज भी दल कुआं से लोग पानी भरते हैं। छठ में खरना का प्रसाद भी इसी कुएं के पानी से बनाते हैं।
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राजनीतिक समीकरण
राजनीतिक लिहाज से शेखपुरा जिला काफी खास है। शेखपुरा जिले की बरबीघा सीट से ही बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा विधायक थे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' भी यहां के एक स्कूल में प्रिंसिपल रह चुके हैं।
शेखुपरा जिले में दो विधानसभा सीटें- बरबीघा और शेखपुरा हैं। दोनों ही सीटों पर कभी कांग्रेस का अच्छा-खासा दबदबा रहता था। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस ने दशकों तक राज किया है। दोनों ही जगह भले ही अब कांग्रेस न हो लेकिन अब भी पार्टी का अच्छा-खासा प्रभाव है।
जिले की बरबीघा सीट पर पिछली बार बहुत कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। जेडीयू के सुदर्शन कुमार ने महज 113 वोटों से यहां जीत हासिल की थी। सुदर्शन कुमार को 39,878 और कांग्रेस के गजानंद शाही को 39,765 वोट मिले थे। गजानंद शाही ने 2010 का चुनाव यहां से जेडीयू के टिकट पर जीता था।
वहीं, शेखपुरा की सियासत में सबसे बड़ा नाम रजो सिंह का है। रजो सिंह शेखपुरा से 5 बार विधायक रहे हैं। 4 बार कांग्रेस से और एक बार निर्दलीय। उनके बाद उनके बेटे संजय सिंह और उनकी बहू सुनीला देवी यहां से विधायक रहीं। इस तरह से इस परिवार ने 33 सालों तक इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा। अभी यहां आरजेडी के विजय कुमार यादव विधायक हैं।
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विधानसभा:-
- शेखपुरा: इस सीट पर अब तक 19 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 12 बार कांग्रेस जीती है। 2020 में शेखपुरा से आरजेडी के विजय कुमार यादव ने जीत हासिल की थी। उन्होंने जेडीयू के रणधीर कुमार सोनी को 6,116 वोटों से हराया था।
- बरबीघा: यहां अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। इनमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। जेडीयू इस सीट पर 3 बार जीत चुकी है। पिछले चुनाव में यहां जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। जेडीयू के सुदर्शन कुमार ने महज 113 वोटों से यहां जीत हासिल की थी।
जिले की प्रोफाइल
शेखपुरा की जनसंख्या 1.11 लाख से ज्यादा है। यहां 1 नगर पालिका, 6 प्रखंड और 310 गांव है। जिले का क्षेत्रफल 689 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या घनत्व 922 प्रति वर्ग किलोमीटर है। जिले में 1000 पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 926 है। यहां की साक्षरता दर 65.96% है।


