बिहार की सियासत में मधेपुरा जिले की अहमियत अलग है। यहां से चुनाव जीतकर शरद, यादव, लालू प्रसाद यादव और बीपी मंडल देश की संसद पहुंच चुके हैं। जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं। इनमें आलमनगर, बिहारगंज, सिंगेश्वर (SC) और मधेपुरा सीट शामिल हैं। अगर मधेपुरा लोकसभा सीट की बात करें तो इसमें मधेपुरा और सहरसा जिले की तीन-तीन विधानसभा सीटें आती हैं। जिले की दो-दो विधानसभा सीटों पर आरजेडी और जेडीयू का कब्जा है। 

 

आलमनगर सीट पर जेडीयू साल 2000 से लगातार जीत रही है। 1995 से अब तक नरेंद्र नारायण यादव लगातार सातवीं बार चुनाव जीत चुके हैं। बिहारीगंज सीट पर भी जेडीयू के अलावा किसी भी दल का खाता नहीं खुला है। मधेपुरा सीट पर पिछले तीन चुनाव से आरजेडी जीत रही है। सिंहेश्वर विधानसभा की बात करें तो यहां आरजेडी ने 2000 के बाद पिछले चुनाव में दूसरी बार कामयाबी हासिल की।

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मधेपुरा पहले सहरसा जिले का एक अनुमंडल था। 9 मई 1990 को उदाकिशुनगंज अनुमंडल को मिलाकर मधेपुरा जिले का गठन हुआ। मौजूदा समय में जिले में 11 प्रखंड और दो अनुमंडल हैं। जिले के उत्तर में सुपौल और अररिया जिले पड़ते हैं। दक्षिण में भागलपुर और खगड़िया पड़ता है। पूर्वी सीमा पूर्णिया जिले से लगती है। पश्चिम में सहरसा जिला पड़ता है।

राजनीतिक समीकरण

मधेपुरा जिले की चारों विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला आरजेडी और जेडीयू के बीच होता है। सिंहेश्वर विधानसभा श्रेत्र में करीब 25.3 फीसदी यादव वोटर्स हैं। बावजूद इसके 2005 से 2015 तक जेडीयू लगातार चार चुनाव जीती। पिछले चुनाव में चंद्रहास चौपाल ने 15 साल बाद आरजेडी की वापसी कराई। 

 

मधेपुरा सीट पर साल 2000 में आरजेडी अपना पहला चुनाव जीती। 2005 के दोनों चुनाव में जेडीयू ने बाजी मारी। 2010 में चंद्रशेखर ने आरजेडी की वापसी कराई। पिछले तीन चुनाव से आरजेडी नेता चंद्रशेखर यहां से विधायक हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में भी मुख्य मुकाबला जेडीयू और आरजेडी के बीच होगा। 

 

बिहारीगंज विधानसभा सीट पर यादव समुदाय का वर्चस्व है। 19,4 फीसद यादव मतदाता किसी की भी हार जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। 2010 से अब तक कुल तीन चुनाव हो चुके हैं। लेकिन पिछले सभी चुनाव में जेडीयू ने जीत हासिल की है। आलमनगर सीट का सियासी समीकरण जेडीयू नेता नरेंद्र नारायण यादव के सामने नहीं टिकता है। विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की हिस्सेदारी लगभग 29.9 फीसद है। इनका भरपूर साथ नरेंद्र नारायण यादव को मिलता है। तभी तो 1995 से अब तक लगातार सात बार से विधायक हैं।

विधानसभा सीटें

सिंहेश्वर विधानसभा: पिछले चुनाव में आरजेडी की टिकट पर चंद्रहास चौपाल ने जीत हासिल की। इस सीट पर साल 2005 से जेडीयू का कब्जा रहा है। 1977 में विधानसभा सीट के गठन के बाद से सिंहेश्वर सीट पर कुल 11 चुनाव हो चुके हैं। आरजेडी जहां दो बार जीती तो वहीं नीतीश कुमार की पार्टी पर जनता ने 4 बार भरोसा जताया। 1977 और 1980 में जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया। 1980 में लोकदल, 1990 में निर्दलीय और 1995 में जनता दल को जीत मिली। आरजेडी ने साल 2000 और 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।

 

मधेपुरा विधानसभा: मधेपुरा विधानसभा सीट पर आरजेडी और जेडीयू के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है। 1957 में अपने पहले चुनाव में यहां की जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी पर भरोसा जताया था। 2010 से आरजेडी नेता चंद्रशेखर का मधेपुरा सीट पर कब्जा है। 2005 (नवंबर) में जेडीयू ने अपना आखिरी चुनाव जीता था। इस सीट पर समाजवादी दलों का प्रभुत्व देखने को मिलता है। यही वजह है कि कांग्रेस सिर्फ तीन बार जीती है। आरजेडी चार, जेडीयू, जनता दल, जनता पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को दो-दो बार जीत मिली। 

 

बिहारीगंज विधानसभा: 2008 के परिसीमन के बाद बिहारीगंज विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। 2010 में पहला चुनाव हुआ तो जेडीयू ने जीत हासिल की। उसकी जीत का सिलसिला आज भी जारी है। 2010 में जेडीयू की रेणू कुमारी पहली बार बिहारीगंज से विधायक बनीं। 2015 और 2020 में जेडीयू नेता निरंजन कुमार मेहता ने लगातार दो बार जीत हासिल की। आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी हर हाल में यहां अपना खाता खोलने की कोशिश करेगी। 

 

आलमनगर विधानसभा: 1951 में विधानसभा सीट का गठन हुआ। 1952 में पहले चुनाव में स्वतंत्र पार्टी ने जीत हासिल की। अब तक 17 चुनाव में से छह में जेडीयू का दबदबा रहा है। पांच चुनाव में कांग्रेस के विधायक बने। जेडीयू नेता नरेंद्र नारायण यादव 1995 से लगातार सातवीं बार विधायक हैं। आलमनगर सीट पर उनका दबदबा तोड़ना सबके बस की बात नहीं है। यहां आरजेडी अब तक कोई चुनाव नहीं जीती है। आलमनगर सीट पर जनता पार्टी और जनता दल को दो-दो बार जीत मिली। स्वतंत्र पार्टी और लोकदल भी एक-एक बार जीत का परचम लहराया चुकी है।

जिले का प्रोफाइल

मधेपुरा जिला 17,87 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 1,994,618 है। जिले की साक्षरता दल 52.25 फीसद है। मधेपुरा में कुल 13 ब्लॉक और 15 थाने हैं। 2 शहरी निकाय हैं। अगर गांवों की बात करें तो उनकी संख्या 449 है। जिले के निवासी तीन भाषाएं बोलते हैं। मधेपुरा लोकसभा सीट पर पिछले दो चुनाव से जेडीयू के दिनेश चंद्र यादव का कब्जा है। 

 

कुल विधानसभा सीटें: 4

आरजेडी: 2

जेडीयू: 2