अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए 'एलियन एनेमी एक्ट' लागू कर दिया है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार इस कानून को लागू किया गया है।
अवैध प्रवासियों के खिलाफ इसे सबसे सख्त कानून माना जाता है, क्योंकि इसके तहत कोई भी विदेशी नागरिक अपने डिपोर्टेशन को किसी अदालत में चुनौती नहीं दे सकता। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले पर कोर्ट ने दो हफ्तों की रोक लगा दी है।
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क्या है यह कानून?
इस कानून को 1798 में लाया गया था। यह वो वक्त था जब अमेरिका, फ्रांस के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा था। उस वक्त जॉन एडम्स अमेरिका के राष्ट्रपति थे। तब अमेरिकी सरकार को चिंता थी कि अप्रवासी फ्रांसीसियों का साथ दे सकते हैं। इसलिए सरकार ने एलियन एनेमी एक्ट बनाया, ताकि राष्ट्रपति को गैर-अमेरिकियों को कैद करने और निर्वासिक करने की बेतहाशा शक्तियां मिल सकें।
तब से इस कानून को सिर्फ 3 बार ही लागू किया गया है। पहली बार 1812 के युद्ध में इसे लागू किया था। इसके बाद पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसे लागू किया गया है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका में रह रहे जर्मन, इटैलियन और जापानी लोगों को नजरबंद रखा गया था। उस दौरान करीब 1.2 लाख जापानियों को कैद किया गया था।
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यही कानून क्यों?
इस कानून को पहले तब लागू किया गया है, जब अमेरिका युद्ध में था। मगर अभी तो अमेरिका की किसी से जंग नहीं चल रही है, फिर इसे क्यों लागू किया गया? दरअसल, ट्रंप कई बार कहते आए हैं कि अमेरिका अवैध रूप से आने वालों के 'आक्रमण' का सामना कर रहे हैं। उन्होंने एक बार कहा था, 'हमारे देश को ठीक करने का यही तरीका है, क्योंकि यह कानून जबरदस्त अधिकार देता है।'
इस कानून को लागू करने की एक वजह यह भी है कि इसके तहत जिसे भी 'विदेशी दुश्मन' करार दिया जाएगा या डिपोर्ट किया जाएगा, वह अदालत में इसे चुनौती नहीं दे सकता।
कानून लागू करने की वजह क्या?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कानून वेनेजुएला की 'ट्रेन डे अरागुआ' गैंग के कारण लागू किया है। इस कानून को लागू करते हुए ट्रंप ने कहा, 'ट्रेन डे अरागुआ अमेरिका के खिलाफ हिंसक आक्रमण की कोशिश कर रहा है। यह गैंग वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के निर्देश पर अमेरिका के खिलाफ युद्ध में लगा हुआ है।'
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किन लोगों पर पड़ेगा असर?
इस कानून का असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो अमेरिका के नागरिक नहीं हैं और अवैध तरीके से वहां रह रहे हैं। इस कानून के तहत, अवैध रूप से रह रहे सभी लोगों को 'विदेशी दुश्मन' घोषित किया जा सकेगा। ऐसे लोगों को हिरासत में रखा जा सकता है या डिपोर्ट किया जा सकता है।
पहले यह कानून सिर्फ पुरुषों पर लागू होता था लेकिन 1918 में इसमें संशोधन किया गया। इसके बाद यह कानून विदेशी महिलाओं पर भी लागू होता है। इस कानून के दायरे में 14 साल से ज्यादा उम्र के विदेशी नागरिक आते हैं।