माइग्रेन एक ऐसा सिर दर्द है, जिससे प्रभावित कोई भी व्यक्ति तेज दर्द महसूस करता है। माइग्रेन को अक्सर लोग सामान्य सिरदर्द समझकर नजरअंदाज करते हैं, लेकिन यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसकी जद में करोड़ों लोग हैं। भारत में भी माइग्रेन से करोड़ों लोग प्रभावित हैं। इस समय लोग नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटे हैं, जिसमें लोगों का देर रात तक जागना, तेज म्यूजिक और चमकती लाइटों से सामना होगा। मगर, माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए नए साल के जश्न में जाना परेशान कर सकता है।
माइग्रेन सर्दियों के समय अचानक से बढ़ जाता है, इसलिए यह खास तौर पर जरूरी है कि इसके कारणों को जल्दी पहचाना जाए। दरअसल, माइग्रेन रोगियों में अचानक तेज सिरदर्द शुरू होता है, लोग सिर पकड़कर बैठ जाते हैं। बेचैनी होती है, कई बार लोगों को हल्की सी रोशनी तक बर्दाश्त नहीं होती है। यह क्यों ट्रिगर करता है, अचानक लोग इसकी वजह से परेशान होते हैं, इसके ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर कई सारी सलाह देते हैं।
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अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के वाइस चेयरमैन और सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशु रोहतगी ने माइग्रेन के लक्षणों को कम करने के 7 तरीके बताए हैं। आइए जानते हैं वह तरीके क्या हैं...
डॉ. अंशु रोहतगी ने बताया कि साल के आखिरी कुछ महीने माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए मुश्किल होते हैं। इस समय माइग्रेन अटैक सबसे अधिक होते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय लोगों में कई ट्रिगर एक साथ होते हैं। इसमें स्ट्रेस, नींद में दिक्कत, डिहाइड्रेशन और सेंसरी ओवरलोड होता है।
मगर, डॉ. रोहतगी ने बताया कि लोग हाइड्रेटेड रहकर, बैलेंस्ड खाना और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके माइग्रेन के दर्द में राहत दे सकते हैं। हालांकि, जिन लोगों को बार-बार या गंभीर माइग्रेन होता है, उनके लिए ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं।
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अपने ट्रिगर्स को पहचानें
डॉ. अंशु रोहतगी ने बताया कि त्योहारों के मौसम में अक्सर सेंसरी ओवरलोड हो जाता है, जिससे शरीर एक ही समय में माइग्रेन के कई ट्रिगर्स के संपर्क में आता है। इसमें- अनियमित नींद का शेड्यूल, खाना छोड़ना, मीठा और ऑयली खाना, डिहाइड्रेशन, चमकती लाइटें और तेज म्यूजिक शामिल होता है।
साथ ही ज्यादा स्क्रीन टाइम, लगातार सोशल मीडिया पर समय बिताने से आंखों पर जोर भी पड़ता है, जिससे देखने में थकान और परेशानी और बढ़ जाती है। इन आदतों को कम करके इससे राहत मिल सकती है।
हाइड्रेटेड रहें
डॉ. अंशु के मुताबिक, हल्का डिहाइड्रेशन भी माइग्रेन को बढ़ा सकता है। उन्होंने सलाह दिया कि लोगों को भागदौड़ के बीच, लगातार पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खासतौर से जब आप कैफीन या शराब पी रहे हैं तो पानी पीते रहें क्योंकि यह दोनों ही हाइड्रेशन कम करते हैं। बाहर जाते समय एक पानी की बोतल पास रखें।
खाना न छोड़ें
उन्होंने सलाह दी कि माइग्रेन से पीड़ित या फिर कोई आम व्यक्ति भी खाना स्किप करने से बचें, क्योंकि खाने के बीच लंबा गैप होने से ब्लड शुगर कम हो जाता है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले सबसे आम कारणों में से एक है।
नींद को प्राथमिकता दें
डॉ. अंशु रोहतगी ने इस बात पर जोर दिया कि नींद में खलल या कमी- चाहे देर रात की पार्टियों की वजह से हो या अनियमित शेड्यूल की वजह से हो उसे सुधार लेना चाहिए। दिमाग के माइग्रेन कंट्रोल सिस्टम को बिगाड़ सकती है, जिससे लोगों को अटैक आने का खतरा ज्यादा होता है।
सेंसरी ओवरलोड को मैनेज करें
तेज रोशनी, तेज म्यूजिक और भीड़ की वजह से ओवरस्टिमुलेशन से माइग्रेन के लक्षण बढ़ सकते हैं। डॉ. रोहतगी ने सलाह दिया कि अगर हो सके, तो पार्टियों में स्पीकर या स्ट्रोब लाइट से दूर की सीट चुनें। शांत, कम रोशनी वाली जगहों पर रहें।
कैफीन और शराब कम लें
न्यूरोलॉजिस्ट के मताबिक, कैफीन और शराब दोनों ही माइग्रेन से परेशान लोगों के लिए दोधारी तलवार की तरह काम करते हैं। कुछ मामलों में ये कुछ समय के लिए आराम देते हैं जबकि दूसरों में लक्षणों को बढ़ा सकते हैं या बिगाड़ सकते हैं।
जल्दी पहचानें और इलाज करें
उन्होंने बताया कि त्योहारों की भीड़ में, लोग अक्सर धुंधला दिखना, गर्दन में अकड़न या रोशनी के प्रति सेंसिटिविटी जैसे शुरुआती चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में माइग्रेन का जल्दी इलाज करना, बेहतर होगा कि पहले घंटे के अंदर, बड़े अटैक को रोक सकता है।
