इस साल के मार्च महीने की शुरुआत से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल के पहले हफ्ते में ही आईएमडी ने हीट वेव का एलर्ट जारी कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। गर्मी में पसीना अधिक निकलता है और वातावरण गर्म होने की वजह से बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल दिमाग में आता है कि इस मौसम में अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखें।
अब आपको इस सवाल को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। हमने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल अस्पताल के प्रोफेसर और डॉक्टर आर.के कौशिक से इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखें।
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गर्मी के मौसम में ऐसे रखें खास ख्याल
डॉक्टर आर. के कौशिक ने बताया, 'गर्मी के मौसम में खानपान के साथ-साथ कपड़ों के रंगों का भी खास ख्याल रखना होता है। इस मौसम में कॉटन के कपड़े पहनें जिसमें पसीना आसानी से सूख जाएं। साथ ही डार्क कलर की जगह लाइट कलर के कपड़े पहनें। सिथेंटिक के कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए क्योंकि उसमें पसीना नहीं सुखता है।
उन्होंने आगे बताया, 'बार-बार पानी पीते रहे। खान में ज्यादा लिक्वड वाली चीजे खाएं। इसके अलावा ज्यादा नमक और चीनी वाली चीजों का सेवन ना करें। तली-भूनी चीजें ना खाएं। उदाहरण के लिए कोल्ड ड्रिंक्स ना पिएं क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। आप इसकी जगह पर घर की बनी छाछ, नींबू पानी पिएं। इनमें चीनी और नमक दोनों कम मात्रा में होती है। हल्का खाना खाएं। आप डाइट में हाई प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें। इसके अलावा जो भी मौसमी फल और सब्जियां हैं वे जरूर खाएं।
शरीर को हाइड्रेटेड रखें- आप शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। आप पानी के साथ नारियल पानी, नींबू पानी का सेवन करें। पसीना निकलने की वजह से शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है इसलिए पानी में ओआरएस (ORS) घोलकर पिएं।
हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक में क्या अंतर है
डॉक्टर कौशिक ने बताया, हीट एग्जॉशन हमें में से ज्यादातर लोग को होता है। इसमें गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इस दौरान शरीर से बहुत ज्यादा पानी का लॉस होता है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो हीट एग्जॉशन की समस्या हो सकती है। हीट एग्जॉशन की वजह से थकान, चक्कर आना, मांस पेशियों में ऐंठन और सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इससे ज्यादातर लोग गर्मी में पीड़ित रहते हैं।
इलाज- आपको इससे बचने के लिए थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए। साथ ही तरल पदार्थ का सवेन करें। ये घर पर आसानी से ठीक हो जाता है। हीट एग्जॉशन की वजह से अगर किसी व्यक्ति को चक्कर आता है तो उसे लिटा कर पैर एक या दो फीट थोड़ा ऊपर कर दें तो वह जल्दी ठीक हो जाएगा।
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हीट एग्जॉशन से ज्यादा खतरनाक है हीट स्ट्रोक
डॉक्टर कौशिक ने आगे कहा, 'अगर हीट एग्जॉशन ज्यादा देर तक रहता है तो हीट स्ट्रोक में बदल जाता है'। उन्होंने आगे कहा, 'हीट स्ट्रोक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। अगर गर्मी की वजह से किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान 104 डिग्री हो जाता है तो उसे हीट स्ट्रोक कहा जाता है। इसमें आपको पसीना नहीं आएगा। हीट स्ट्रोक में वॉटर लॉस पहले ही हो जाता है जिस कारण से पसीना नहीं आता है और शरीर तेजी से गर्म होता है। शरीर में तापमान बढ़ने की वजह से सभी एन्जाइम्स धीरे- धीरे काम करना बंद कर देती। हमारा शरीर के एन्जाइम्स सबसे अच्छे से सामान्य तापमान पर काम करते हैं।
जब शरीर के एन्जाइम्स सही से काम नहीं करते हैं तो मेटाबॉल्जिम लो हो जाता है जिसकी वजह से दौड़ा पड़ सकता है। उस दौरान व्यक्ति बहकी बहकी बातें करने लगता है। इस दौरान व्यक्ति काफी कन्फ्यूज रहेगा।
कैसे करें हीट स्ट्रोक की पहचान
हीट स्ट्रोक के कारण प्लस रेट बहत तेज होगी और शरीर बहुत गर्म होगा। इस तरह के लक्षण दिखे तो वह व्यक्ति हीट स्ट्रोक से पीड़ित है। ऐसे में उस व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं। हीट स्ट्रोक में बेहोश व्यक्ति को पानी नहीं पिलाना है। इससे पानी फेफड़ों में चला जाता है। आप मुंह पर पानी के छिटे मार सकते हैं। अगर हीट स्ट्रोक गंभीर हो जाए तो शरीर के अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं। ऐसे में स्थिति को संभालना मुश्किल हो सकता है।