आज कल की भागदौड़ वाली जिंदगी का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोग अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं और छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेते हैं। इन चीजों से स्ट्रेस और एंग्जाइटी बढ़ती है। क्या आप जानते हैं शरीर की तरह दिमाग के लिए भी विटामिन्स और मिनरल्स जरूरी होते हैं। इन विटामिन्स और मिनरल्स की कमी की वजह से मस्तिष्क की कार्य क्षमता प्रभावित होती है।
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दिमाग के लिए कौन से विटामिन्स और मिनरल्स जरूरी है। इस बारे में हमने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर और मनोचिकित्सक डॉक्टर लोकेश सिंह शेखावत से बात की। उन्होंने बताया कि विटामिन्स की कमी से मेंटल हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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मस्तिष्क कैसे काम करता है?
हमारे मस्तिष्क पर हर विटामिन और मिनरल का प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के तौर पर मूंगफली और चॉकलेट के अंदर ट्रिप्टोफैन होता है जो ब्रेन में सेरोटोनिन को बनाने का काम करता है। सेरोटोनिन महत्वपूर्ण हार्मोन है जो एंग्जाटइटी और स्ट्रेस को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तरह से विटामिन बी 12 की कमी से हाथों-पैरों में झुनझुनाहट होने लगती है क्योंकि ब्रेन के अंदर न्यूरॉनल डिजनरेशन (यह प्रक्रिया है जिसमें न्यूरॉन की मौत होती) का कॉन्सेप्ट होता है। हर रोज कुछ न्यूरॉन की मौत होती है। ये ठीक उसी तरह से है जैसे उम्र के साथ त्वचा पर झुर्रियां पड़ती है। यह एक नेचुरल प्रकिया है। ये लॉस बढ़ जाता है जब हमारे शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है।- मनोचिकित्सक डॉक्टर लोकेश सिंह शेखावत
इन विटामिन्स की कमी से मेंटल हेल्थ पर पड़ता है प्रभाव
विटामिन B12
विटामिन बी 12 की कमी से न्यूरॉनल डिजनरेशन होता है जिसकी वजह से ब्रेन और स्पाइनस में दिक्कत आती है। विटामिन B12 और फोलेट की कमी की वजह से डिमेंशिया की परेशानी होती है। डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे चीजों को भूलने लगता है। विटामिन B12 की कमी से डिमेंशिया होना होता है। इसे रिवर्सिबल डिमेंशिया कहा जाता है। इसमें याददाश्त को सही समय पर विटामिन बी12 देकर वापस लाया जा सकता है।
विटामिन D3
विटामिन D3 की कमी की वजह से दिमाग की कोशिकाएं प्रभावित होती है। इसकी कमी से शरीर में झनझनाहट महसूस होती है। विटामिन D3 के अलावा फोलेट, विटामिन B6 भी है। हमारा शरीर सही तरीके से काम कर सके। इसके लिए विभिन्न प्रकार के चैनल्स होते हैं जैसे सोडियम चैनल, मैग्नीशियम चैनल, कैल्शियम चैनल। ये चैनल्स अच्छे से काम कर सके उनके लिए मिनरल्स बहुत जरूरी है। इसमें मैग्नीशियम, जिंक, आयरन की जरूरत होती है।
अगर शरीर में ये मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में नहीं होंगे तो ब्रेन में चैनल डिसफंक्शनिंग होगी। ये चैनल सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं दिमाग की कोशिकाओं के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। मैग्निशियम की जरूरत नींद में होती है। जिंक की कमी से स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं, साथ ही दिमाग की फंक्शनिंग भी डिस्टर्ब होती है।
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विटामिन C
हमारे शरीर में टॉक्सिक चीजें बनती है जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है। इन सभी चीजों की वजह से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। अगर वे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन मार्कर कम ना हो तो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट होता है जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को कम करने का काम करता है। सेलेनियम और कॉपर भी बहुत जरूरी विटामिन है जो कि ब्रेन के सेल्स के लिए जरूरी है।
सोडियम
सोडियम की कमी से हाइपोनेट्रेमिया होता है। ब्रेन में सोडियम की कमी से चक्कर आना, बेहोशी की समस्या होती है।
किन लोगों के लिए खतरा?
विटामिन और मिनरल्स की सबसे ज्यादा कमी बुजुर्ग लोगों को होती है। दूसरा उनके बॉडी में इंफ्लेमेशन मार्कर्स ज्यादा होते हैं जो समय के साथ शरीर में जमने लगते हैं इसलिए उन्हें विटामिन्स और मिनरल्स पर खास ध्यान देना चाहिए। इन दोनों चीजों की कमी की वजह से हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है। बुढ़ापे में कई लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है। जब उनका जांच किया जाता है तो उनमें विटामिन बी12 समेत अन्य मिनरल्स की कमी निकलती है।
इसके अलावा जिन लोगों को शुगर, हाइपरटेंशन जैसी क्रोनिक बीमारियां होती हैं उन्हें विटामिन्स और मिनरल्स की ज्यादा जरूरत पड़ती है। एक तो बीमारी की वजह से विटामिन और मिनरल्स की ज्यादा जरूरत होती है और दूसरा दवाइयों को मेटाबोलाइज करने के लिए भी विटामिन्स की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसके अलावा जिन लोगों को दर्द, कमजोरी, चीजें भूलने की समस्या रहती है उन सभी लोगों को विटामिन बी12, विटामिन D3, विटामिन बी6 की जांच करानी चाहिए।
लक्षण
- हाथ-पैर में झुनझुनाहट
- थकावट
- काम में मन न लगना
- कमजोरी
- एनर्जेटिक महसूस नहीं करना
क्या है इलाज?
अभी हम जिस तरह के वातावरण में रह रहे हैं या फिर जो हमारा खान-पान है। उसकी वजह से शरीर में उतने विटामिन्स और मिनरल्स एब्जॉब नहीं हो रहे है जिसकी वजह से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ रहा है। आप शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार लें। डाइट में एक तिहाई फल और सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स और स्प्राउट्स खाएं। इन चीजों में विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है।
