आजादी के बाद साल 1948 में जब भारत में क्राइम पर पहली रिपोर्ट जारी हुई थी, तब 6 लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए गए थे। अब 2023 में 62 लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए गए हैं। इसका मतलब हुआ कि आजादी से अब तक 75 सालों में अपराध 10 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। 


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2023 के अपराधों पर नई रिपोर्ट जारी कर दी है। इसमें बताया गया है कि 2023 में देशभर में 62.41 लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए गए हैं। इनमें से 37.63 लाख से ज्यादा मामले इंडियन पीनल कोड (IPC) के तहत दर्ज किए गए हैं। इससे पहले 2022 में 58.24 लाख मामले दर्ज किए गए थे। यह दिखाता है कि 2022 की तुलना में 2023 में अपराध में 7% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।


NCRB की नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक IPC के तहत दर्ज कुल 53.61 लाख मामलों की जांच चल रही थी। इनमें से 37.85 लाख मामलों का पुलिस ने निपटारा कर दिया है और 27.53 लाख मामलों में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।

 

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अपराध पर क्या कहते हैं आंकड़े?

  • मर्डर: 2023 में मर्डर के कुल 27,721 मामले दर्ज किए गए। इस हिसाब से हर दिन औसतन 76 हत्याएं हुईं। 2022 की तुलना में मर्डर के मामलों में 2.8% की गिरावट आई। 2022 में हत्या के 28,522 केस दर्ज किए गए थे। हत्या की सबसे बड़ी वजह 'विवाद' थी।
  • किडनैपिंग: 2022 के मुकाबले 2023 में अपहरण के मामलों में 5.6% की बढ़ोतरी हुई है। 2022 में किडनैपिंग के 1.07 लाख मामले सामने आए थे, जिनकी संख्या 2023 में बढ़कर 1.13 लाख हो गई। 2023 में जिनका अपहरण किया गया था, उनमें से 82,106 नाबालिग थे। इनमें 66,072 लड़कियां थीं।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध: 2023 में महिलाओं के खिलाफ दर्ज होने वाले अपराध 0.7% बढ़ गए। 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4.48 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा 1.33 लाख मामले पति या रिश्तेदार की क्रूरता के थे। 
  • रेप: 2023 में रेप के कुल 29,670 मामले दर्ज किए गए। 2022 की 31,516 मामले दर्ज हुए थे। रेप के सबसे ज्यादा 5,078 मामले राजस्थान और 3,516 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। दिल्ली में 1,094 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में रेप की 849 पीड़िताएं नाबालिग थीं। 
  • SC/ST के खिलाफ क्राइम: 2023 में अनुसूचित जाति (SC) के खिलाफ 57,789 और अनुसूचित जनजाति (ST) के खिलाफ अपराध के 12,960 मामले दर्ज किए गए थे। SC के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 15,130 मामले यूपी में दर्ज हुए थे। वहीं, ST के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 3,399 मामले मणिपुर में दर्ज किए गए थे।
  • बच्चों के खिलाफ अपराध: 2023 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.77 लाख मामले दर्ज किए गए थे। 2022 की तुलना में यह 9.2% ज्यादा है। 2023 में 79,884 मामले बच्चों की किडनैपिंग से जुड़े थे। इसके अलावा 67,694 मामले POCSO ऐक्ट के तहत दर्ज हुए थे।
  • साइबर क्राइम: 2022 की तुलना में 2023 में साइबर क्राइम के मामले 31.2% बढ़ गए थे। 2022 में 65,893 मामले सामने आए थे। 2023 में साइबर क्राइम के 86,420 मामले दर्ज किए गए थे। साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा 21,889 मामले कर्नाटक में दर्ज हुए थे। तमिलनाडु में 18,236, उत्तर प्रदेश में 10,794 और महाराष्ट्र में 8,103 मामले दर्ज किए गए थे।

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और क्या कहते हैं आंकड़े?

NCRB की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में कुल 62.41 लाख मामले दर्ज किए गए थे। सबसे ज्यादा 7.93 लाख मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए थे। इसके बाद महाराष्ट्र में 5.96 लाख, केरल में 5.84 लाख, गुजरात में 5.78 लाख, तमिलनाडु में 5.39 लाख और बिहार में 3.53 लाख मामले दर्ज किए गए थे। राजधानी दिल्ली में 3.44 लाख मामले सामने आए थे।


2023 में 28,587 हत्याओं में 27,721 मामले दर्ज किए गए थे। सबसे ज्यादा 3,307 हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुई थीं। बिहार में 2,882 लोगों की हत्या हुई थी। 


रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 30 लाख से ज्यादा लोगों को IPC के तहत गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 11.37 लाख को दोषी करार दिया गया था। वहीं 11.84 लाख को बरी कर दिया गया था। इसी तरह 21.25 लाख लोगों को विशेष कानूनों (SLL) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 16.98 लाख को दोषी ठहराया गया था। SLL के तहत गिरफ्तार 4.60 लाख आरोपियों को बरी कर दिया गया था। कुल मिलाकर 51.28 लाख लोग गिरफ्तार हुए थे, जिनमें से 28.36 को दोषी करार दिया गया था। गिरफ्तार होने वालों में लगभग 40 हजार नाबालिग थे।