दिल्ली में चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आए थे। आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हार के तुरंत बाद एक वीडियो जारी किया था और अपनी हार स्वीकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बधाई दी थी। इस हार के बाद अरविंद केजरीवाल लगभग 'गायब' से हो गए हैं। पिछले 11 दिनों में उन्होंने न तो कोई इंटरव्यू दिया है और न ही मीडिया को संबोधित किया है। AAP के भविष्य को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल और AAP फिलहाल एकदम शांत दिख रहे हैं। AAP ने पंजाब के लिए कुछ बैठकें की हैं, दिल्ली नगर निगम (MCD) से जुड़े कुछ फैसले लिए गए हैं लेकिन राजनीतिक तौर पर खुद अरविंद केजरीवाल उतने सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच AAP के लिए गुजरात और छत्तीसगढ़ से थोड़ी राहत की खबर जरूर आई है, जहां उसे निकाय चुनावों में थोड़ी-बहुत जीत मिली है।

 

दरअसल, दिल्ली की हार AAP और अरविंद केजरीवाल दोनों की राजनीति के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। यह पहला चुनाव है जिसमें खुद अरविंद केजरीवाल तक हार गए हैं और उनकी पार्टी दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई है। चुनाव के एक हफ्ते पहले तक माहौल भी ऐसा था कि AAP की सीटों में कमी आ सकती है लेकिन वह फिर से चुनाव जीत सकती है। हालांकि, आखिरी एक हफ्ते में चुनाव ने करवट ली और बीजेपी ने बंपर बहुमत हासिल कर लिया। वोटिंग के एक दिन पहले तक अरविंद केजरीवाल लगभग हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे लेकिन पिछले 11 दिनों में उन्होंने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है।

 

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कहां है अरविंद केजरीवाल?

 

8 फरवरी को हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो जारी किया। 11 फरवरी को दिल्ली में ही पंजाब के विधायकों के साथ मीटिंग हुई। इस मीटिंग में थोड़ी देर के लिए अरविंद केजरीवाल भी आए लेकिन वह मीडिया से मुखातिब नहीं हुए। 14 फरवरी को आदित्य ठाकरे और शिवसेना (UBT) के कुछ नेता अरविंद केजरीवाल से मिले और उनकी फोटो भी सामने आई। हालांकि, तब भी अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया। AAP के अन्य नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है लेकिन अरविंद केजरीवाल खुद किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए हैं।

 

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8 फरवरी से लेकर अभी तक अरविंद केजरीवाल ने अभी तक सिर्फ 8 ट्वीट किए हैं। इसमें एक हार के बाद का वीडियो है। दो ट्वीट जयंतियों से जुड़े हुए हैं। एक ट्वीट नई दिल्ली स्टेशन पर हुए हादसे के बारे में, एक पुलवामा हमले की बरसी पर, एक AAP कार्यकर्ता के निधन पर और एक कार्यकर्ता के जन्मदिन पर किया है। AAP की राजनीति, उसके भविष्य या आरोप-प्रत्यारोप से जुड़ा कोई भी ट्वीट अरविंद केजरीवाल ने नहीं किया है।

AAP ने क्या-क्या किया?

 

दिल्ली में हारने के बाद AAP की पहली कोशिश पंजाब में दिखनी शुरू हुई। 11 फरवरी को हुई बैठक में ज्यादातर विधायक शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद पंजाब सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिए। पंजाब में आशीर्वाद शुरू करने का ऐलान किया गया है। इस योजना के तहत पंजाब की भगवंत मान सरकार बेटियों की शादी में 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी।

 

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इससे पहले 13 फरवरी को पंजाब के वित्त मंत्री और AAP नेता हरपाल चीमा ने बताया कि अब पंजाब में एसिड अटैक सर्वाइरवर्स को दी जाने वाली पेंशन 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की जाएगी। साथ ही, पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के तहत लंबित बकाया का भुगतान करने के लिए भी योजना बनाई गई है। इसी दिन पंजाब पुलिस में 1746 पदों पर नई भर्तियां करने का भी ऐलान किया गया।

 

AAP की अगुवाई वाली MCD ने भी इस बीच कुछ फैसले लिए हैं। 18 फरवरी को एमसीडी के मेयर महेश कुमार खिंची और डिप्टी मेयर रविंद्र भारद्वाज ने बताया कि सभी 12 जोन के 312 जोन में हर दिन सफाई कराने का फैसला लिया गया है, इसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी।

 

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निकाय चुनावों से जगी उम्मीद

 

हाल ही में गुजरात में नगर निकाय चुनाव हुए हैं। गुजरात में नगर पालिका के चुनावों में AAP के कई उम्मीदवारों को जीत मिली है। कुल मिलाकर नगर पालिका की 33 सीटों पर AAP ने जीत हासिल की है और इसे वह अपनी बड़ी कामयाबी के रूप में भी दिखा रही है। बता दें कि 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में AAP ने कुल 5 विधानसभा सीटों पर भी जीत हासिल की थी। इसी तरह छत्तीसगढ़ की बोदरी नगर पालिका में भी AAP को जीत हासिल की है।

 

 

कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल खुद खामोश हैं। एमसीडी और पंजाब सरकार में कुछ फैसले लेकर जनता के बीच सक्रिय दिखने की कोशिश AAP कर रही है। वहीं, राजनीतिक तौर पर फिलहाल मंथन ही चल रहा है। अभी तक AAP ने नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला भी नहीं लिया है और न ही अरविंद केजरीवाल ने कुछ बताया है कि वह आगे क्या करने वाले हैं।

बाकी नेता सक्रिय

 

दिल्ली की हार के बाद भले ही अरविंद केजरीवाल न दिखें हों लेकिन पूर्व सीएम आतिशी दो बार मीडिया को संबोधित कर चुकी है। संसद में संजय सिंह और राघव चड्ढा सवाल उठाते दिखे हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मीडिया के सामने आए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं और राजनीतिक रूप से भी पार्टी बयानबाजी करती दिखी है।