चुनाव में अच्छे काम के लिए जनवरी 2025 में कुछ अधिकारियों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया था। मौजूदा वक्त में कर्नाटक के कलबुर्गी में डिप्टी कमिश्नर के पद तैनात IAS अधिकारी फौजिया तरन्नुम भी राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित की गईं। इन्हीं फौजिया तरन्नुम के लिए अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधान परिषद सदस्य एन रवि कुमार ने कहा है कि मुझे नहीं समझ आ रहा कि वह पाकिस्तान से आई हैं या यहीं की IAS अफसर हैं। अब इसी केस में रवि कुमार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है और IAS अधिकारियों के संगठन ने इस टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए कहा है कि रवि कुमार को इस पर माफी मांगनी चाहिए। मामला बिगड़ता देख रवि कुमार ने कहा है कि भावनाओं में बहकर वह ऐसा बोल गए और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। रवि कुमार ने अपने इस बयान पर माफी भी मांगी है। इस मामले पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा है कि सरकार इस पर कार्रवाई करेगी।
यह मामला शुरू होता है 24 मई से, इस दिन BJP ने 'कलबुर्गी चलो' नाम से एक रैली निकाली थी। बीजेपी नेता जिला प्रशासन को घेर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि अधिकारी भी सत्ताधारी कांग्रेस के इशारों पर काम कर रहे हैं। इसी रैली में बीजेपी के विधान परिषद सदस्य और विधान परिषद में BJP के चीफ व्हिप एन रवि कुमार भी शामिल हुए थे। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और प्रशासन के साथ-साथ कांग्रेस सरकार को भी जमकर कोसा गया। इसी नारेबाजी में एन रवि कुमार ने कलबुर्गी की डिप्टी कमिश्नर फौजिया तरन्नुम के बारे में आपत्तिजनकर टिप्पणी कर दी।
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दरअसल, कुछ दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक सरकारी गेस्ट हाउस का घेराव कर लिया था और विधान परिषद में विपक्ष के नेता और BJP के एमएलसी सी नारायणस्वामी को बाहर ही नहीं निकलने दिया था। बीजेपी नेता इसके खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या बोले थे एन रवि कुमार?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी रैली में शामिल एन रवि कुमार ने कहा, 'कलबुर्गी का डिप्टी कमिश्नर दफ्तर अब आजाद नहीं रह गया है और यहां के अफसर वही करते हैं जो कांग्रेस कहती है। मुझे नहीं पता कि वह (फौजिया तरन्नुम) पाकिस्तान से आई हैं या यहीं की IAS अधिकारी हैं। आप लोगों का शोर सुनकर मुझे लगता है कि वह पाकिस्तान से ही आई होंगी।'
एन रवि कुमार यह वीडियो रविवार तक वायरल हो चुका था। सोमवार को कलबुर्गी के सदर बाजार थाने में एन रवि कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। उनके खिलाफ जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काएं, सरकारी अफसर को चोट पहुंचाने की धणकी देने और आपराधिक धमकी देने जैसे आरोपों के तहत केस दर्ज किया गया है।
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IAS ऑफिसर्स असोसिएशन ने क्या कहा?
एन रवि कुमार के इस बयान पर IAS ऑफिसर्स असोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है और इस बयान की निंदा करते हुए कहा है कि किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।
बयान पर किरकिरी होने और एफआईआर दर्ज होने के बाद एन रवि कुमार ने इस पर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा है, 'वह एक भावुक प्रतिक्रिया थी और मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था। बीजेपी के जिम्मेदार पार्टी है। मैं अपने बयान के लिए माफी मांगता हूं।'
डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
इस मामले पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है, 'आज सुबह IAS असोसिएशन के अधिकारी और अन्य लोग मुझसे मिले। वे सभी हैरान हैं। वह (फौजिया तरन्नुम) वह बहुत साफ छवि की अधिकारी है। ये लोग एक महिला अधिकारी को यही सम्मान दे रहे हैं? सरकार इस पर कार्रवाई की है और मैं बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्रियों से इस पर सफाई मांगता हूं।'
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कौन हैं फौजिया तरन्नुम?
मौजूदा वक्त में कलबुर्गी की DC फौजिया तरन्नुम अच्छी अफसरों में गिनी जाती हैं और अपने काम की बदौलत कई बार सम्मानित भी हो चुकी हैं। वह कर्नाटक काडर की ही अधिकारी हैं।
वह साल 2014 में UPSC की परीक्षा पास करके IAS अधिकारी बनी थीं। इससे पहले वह साल 2011 में भी UPSC परीक्षा पास कर चुकी थीं लेकिन तब वह IRS बन पाई थीं। इसी के चलते उन्हें IRS रहते हुए फिर से परीक्षा दी और IAS बनीं। सिविल सर्विस में आने से पहले वह टाटा कंसल्टेंसी सर्विजेस (TCS) में बिजनेस ऐनलिस्ट के तौर पर भी काम करती रही हैं।
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फौजिया तरन्नुम के करियर की शुरुआत कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर जुलाई 2017 में हुई। वहां 2 महीने काम करने के बाद उन्हें भू राजस्व प्रबंधन और जिला प्रशासन में सीनियर असिस्टेंट कमेश्नर बना दिया गया। बाद में वह कोप्पल जिला पंचायत की CEO बनीं और फिलहाल कलबुर्गी की डिप्टी कमिश्नर हैं।
फौजिया तरन्नुम को मिले पुरस्कार
इसी साल मार्च के महीने में इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने 'एक्सीलेंस इन गर्वनेंस अवॉर्ड्स' में फौजिया तरन्नुम को जूरी स्पेशल अवॉर्ड दिया गया था। यह अवॉर्ड कलबुर्गी में किसानों, बच्चों और विद्यार्थियों के हित में किए गए काम की वजह से दिया गया था।
जनवरी में उन्हें कलबुर्गी की DEO के रूप में सम्मानित किया गया था। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इलेक्टोरल रोल मैनेजमेंट के लिए उन्हें पुरस्कार दिया था।